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इस रेलवे कालोनी की पूजा कमेटी साम्प्रदायिक सद्भाव की बनी मिसाल, दुर्गोत्सव में हिंदुओं के साथ मुस्लिम भी बंटाते हाथ Dhanbad News

1966 मेंं यहां महामाई की पूजा शुरू हुई थी। मुस्लिम समुदाय के लोग न केवल दुर्गा पूजा पंडाल बनाने में सहयोग करते हैं बल्कि मूर्ति विसर्जन में भी शामिल होते हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 12:19 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 12:19 PM (IST)
इस रेलवे कालोनी की पूजा कमेटी साम्प्रदायिक सद्भाव की बनी मिसाल, दुर्गोत्सव में हिंदुओं के साथ मुस्लिम भी बंटाते हाथ Dhanbad News
इस रेलवे कालोनी की पूजा कमेटी साम्प्रदायिक सद्भाव की बनी मिसाल, दुर्गोत्सव में हिंदुओं के साथ मुस्लिम भी बंटाते हाथ Dhanbad News

धनबाद [श्रवण कुमार]। धनबाद की न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी दुर्गा पूजा हिंदू-मुस्लिम एकता की बेमिसाल नजीर है। यहां दोनों समुदाय के लोग पूरी शिद्दत से पूजा में हिस्सा लेते हैं। 1966 मेंं यहां महामाई की पूजा शुरू हुई थी। मुस्लिम समुदाय के लोग न केवल दुर्गा पूजा पंडाल बनाने में सहयोग करते हैं, बल्कि मूर्ति विसर्जन में भी शामिल होते हैं। विसर्जन के समय न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी में मुस्लिम बंधु स्वेच्छा से अपनी-अपनी दुकानें बंद करते हैं। मकसद यही कि आपसी भाईचारा बना रहे। यहां की दुर्गा पूजा समिति में ङ्क्षहदू व मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं।

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हर दिल में जलती है अमन की लौ : न्यू स्टेशन कॉलोनी में वर्ष 1966 में दुर्गा पूजा शुरू हुई उस समय कमेटी में हिंदू समुदाय के लोग ही शामिल थे। वर्ष 2007 तक यह सिलसिला चलता रहा। न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी रोड में मुस्लिम समुदाय के लोगों की काफी दुकानें हैं। पुराना बाजार जामा मस्जिद यहीं है। मस्जिद के रास्ते से ही मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। शांतिपूर्वक मूर्ति विसर्जन करवाना पुलिस-प्रशासन के लिए हर जगह चिंता का विषय होता है। पर, यहां के लोगों ने तय किया कि पूजा पूरी श्रद्धा और शांति के साथ हो। इसके लिए दोनों धर्म के लोगों को मिलकर पूजा करनी चाहिए। यह सोच इसलिए पैदा हुई क्योंकि यहां के हर दिल में अमन की लौ जलती है। वर्ष 2008 में मुस्लिम समाज के मो. तमन्ना ने कमेटी से जुड़कर शुरुआत की। इस वर्ष मुस्लिम समाज के 20 लोग कमेटी में हैं। इनमें पुराना बाजार जामा मस्जिद के सदर मो. अफजल खान, साबिर आलम, इमरान खान, जावेद खान, राजू अंसारी आदि हैं।

दुर्गापूजा पंडाल में नहीं हुआ प्लास्टिक का इस्तेमाल : इस वर्ष यहां की पूजा समिति ने पंडाल निर्माण में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया। पंडाल बनाने में चटाई, सूप टोकरी, कुश, धान की बाली, मिट्टी के गमले, बांस का प्रयोग हुआ। वरीय उपाध्यक्ष अफजल खान कहते हैं कि आपसी भाईचारा बना रहे यही हमारा मकसद है।

न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी में दोनों समुदाय के लोग मिलकर दुर्गा पूजा करते हैं। मुस्लिम भाई पंडाल बनवाने, लाइट लगवाने, भीड़ नियंत्रित करने से लेकर मूर्ति विसर्जन तक में पूरा सहयोग करते हैं।

-मुनेश्वर सिंह, अध्यक्ष


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