मंदिरों का गांव मलूटी... तब झांकी दिखा खूब बटोरी शोहरत, अब मूल स्वरूप का ही सत्यानाश
अदालत ने शुक्रवार 6 मार्च 2020 को भारतीय पूरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पदाधिकारियों को मलूटी मंदिर के जीर्णोद्धार का समय-समय निगरानी करने का आदेश दिया है।
दुमका/ रांची, जेएनएन। हाई कोर्ट, रांची ने पर्यटन से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि दुमका स्थित मलूटी के मंदिरों का जीर्णोद्धार के नाम पर सत्यानाश कर दिया गया। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि मलूटी मंदिरों ने अपने मूल स्वरूप को खो दिया है। अदालत उसके मूल स्वरूप को लेकर चिंतित है। अदालत ने सरकार की ओर से पेश किए गए फोटोग्राफ्स देखकर कहा कि मलूटी मंदिर के मूल स्वरूप को ही बदल दिया जा रहा है। इसे संरक्षित करना नहीं कहा जा सकता है।
अदालत ने दिया जीर्णोद्धार का समय-समय निगरानी करने का आदेश
अदालत ने शुक्रवार 6 मार्च, 2020 को भारतीय पूरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पदाधिकारियों को मलूटी मंदिर के जीर्णोद्धार का समय-समय निगरानी करने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार को स्वदेश स्कीम के तहत राज्य सरकार को राशि उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है ताकि यहां के पर्यटन स्थलों का विकास किया जा सके। इस मामले की अगली सुनवाई एक मई को होगी। सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि वे मलूटी गए थे और वहां पर चलाए जा रहे जीर्णोद्धार कार्य को भी देखा। लेकिन कार्य करने वाली एजेंसी मलूटी मंदिर के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करते हुए उसे नया रूप प्रदान कर रही है। इससे मंदिरों की वास्तविकता प्रभावित हो रही है। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या संरक्षण करने का मतलब मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करना होता है। इस पर सरकार ने कहा कि इस मामले को देखा जाएगा।
नंबर दो का स्थान प्राप्त कर मलूटी ने देश-दुनिया का खींचा ध्यान
मंदिरों का गांव मलूटी पांच साल पहले तक गुमनाम था। साल 2015 के गणतंत्र दिवस की झांकी में झारखंड से मलूटी की थीम को शामिल किया गया। नई दिल्ली में दिखाई गईं झांकियों में झारखंड की झांकी 'मंदिरों का गांव मलूटी' को दूसरा स्थान मिला है। यह झारखंड के लिए बड़ी उपलब्धि थी। इसी के साथ तत्कालीन भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री रघुवर दास मलूटी के गांव का विकास करने में जुट गए। जीर्णोद्धार की योजना तैयार की गई। इस योजना से मलूटी का मूल स्वरूप ही बदल रहा है। इसे लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है।
मंदिरों का गांव मलूटी
दुमका के मलूटी को मंदिरों के गांव के रूप में जाना जाता है। दुमका जिले के मलूटी गांव में टेराकोटा शैली में बने 72 मंदिर हैं। 17वीं शताब्दी में मल्ल राजाओं ने मलूटी को राजधानी बनाई थी। उन्होंने 108 मंदिर बनवाए थे। गणतंत्र दिवस की झांकी में नंबर दो के बाद मलूटी ने देशभर के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। यहां फिल्मों की भी शूटिंग शुरू हुई।