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हर्ल गोरखपुर यूनिट से वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु, सिदरी में भी जल्द होगा

सिदरी हिदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड हर्ल के गोरखपुर यूनिट ने वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु कर दिया है। शीघ्र ही हर्ल के सिदरी यूनिट में भी वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 02:00 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 02:00 AM (IST)
हर्ल गोरखपुर यूनिट से वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु, सिदरी में भी जल्द होगा
हर्ल गोरखपुर यूनिट से वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु, सिदरी में भी जल्द होगा

सिदरी : हिदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड हर्ल के गोरखपुर यूनिट ने वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु कर दिया है। शीघ्र ही हर्ल के सिदरी यूनिट में भी वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु किया जाएगा। हर्ल सिदरी के जीएम सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि हर्ल के गोरखपुर सिदरी और बरौनी यूनिट की ओर से वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया जाएगा। हर्ल के गोरखपुर यूनिट में यूरिया के उत्पादन से पूर्व वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु किया गया है। सिदरी और बरौनी यूनिट में भी यूरिया का उत्पादन शुरु होने के पहले वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरु किया जाएगा। बताया कि हर्ल के गोरखपुर सिदरी और बरौनी संयंत्र के आसपास किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर्ल के तीनों यूनिट में वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन का निर्णय लिया गया है। वर्मी कंपोस्ट से क्षेत्र में पशुपालन व्यवसाय में बढ़ोत्तरी होगी। किसानों को पशुपालन का लाभ भी मिलेगा। हर्ल प्रबंधन ने इस दिशा में सिदरी और आसपास के कई गांवों का दौरा कर पशुपालन की संभावनाओं का आकलन कर लिया है। हर्ल के सिदरी उर्वरक संयंत्र के निर्माण के साथ 311 एकड़ भूमि पर पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन कोरिडोर का भी निर्माण करना है। इस ग्रीन कोरिडोर की वानिकी के लिए हर्ल प्रबंधन ने गोरखपुर यूनिट से आठ टन वर्मी कंपोस्ट सिदरी मंगवाया है। 28 जुलाई को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर आयोजित पौधारोपण अभियान में हर्ल प्रबंधन की ओर से वर्मी कंपोस्ट का उपयोग किया जाएगा।

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हर्ल किसानों को करेगा प्रोत्साहित :

हर्ल वर्मी कंपोस्ट के लिए पशुपालन के लिए क्षेत्र में किसानों को प्रोत्साहित करेगा। किसानों की इसमें अधिक सहभागिता होगी। वर्मी कंपोस्ट से रासायनिक अन्न उत्पादन पर निर्भरता कम होगी। भविष्य में हर्ल प्रबंधन ज्यादा से ज्यादा किसानों को खेती में रासायनिक यूरिया के बदले कंपोस्ट खाद के प्रयोग के लिए भी प्रोत्साहित करेगा। क्या है वर्मी कंपोस्ट :

वर्मी कंपोस्ट गैर रासायनिक उर्वरक यानि प्राकृतिक खाद है। गाय के गोबर जमाकर उसमे केंचुल छोड़ा जाता है। गोबर व केंचुल से वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाता है। इसका प्रयोग किसान खेतों में करेंगे। इससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी। खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। बिना रासायनिक खाद के फसलों का उत्पादन होगा।


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