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मसीहाओं इन्हें अभी न परेशां करो, मरीज उलझे हैं दवा बनाने में

वासेपुर छोटी सी बस्ती से एक छोटे शहर का रूप ले चुका है। दर्जनों मोहल्ले हैं, बैंक है, बाजार है, स्कूल-कॉलेज भी हैं लेकिन नहीं है तो बस एक अदद स्वास्थ्य केंद्र।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 11:38 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 11:38 AM (IST)
मसीहाओं इन्हें अभी न परेशां करो, मरीज उलझे हैं दवा बनाने में
मसीहाओं इन्हें अभी न परेशां करो, मरीज उलझे हैं दवा बनाने में

वासेपुर, मो. शाहिद। आबादी करीब ढाई लाख। शहर से महज एक किलोमीटर की दूरी, लेकिन विडंबना देखिए कि धनबाद के सबसे बड़े मुस्लिम आबादीवाले क्षेत्र वासेपुर में आजादी के 70 साल बाद भी एक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा मयस्सर नहीं हुई है। सरकार से योजना पास है, जमीन चयनित है, राशि के आवंटन के साथ टेंडर भी हो चुका है लेकिन हाकिमों की बेरुखी का आलम यह है कि काम शुरू कराने को पिछले दो साल से कोई पहल नहीं शुरू हो रही है। इससे यहां के लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। 

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स्थानीय लोग बताते हैं कि वासेपुर मोहल्ले का अस्तित्व 20वीं सदी के आसपास ही हुआ था। तब यह छोटी सी बस्ती हुआ करता था, लेकिन अब यह एक छोटे शहर का रूप ले चुका है। दर्जनों मोहल्ले हैं, बैंक है, बाजार है, स्कूल-कॉलेज भी हैं लेकिन नहीं है तो बस एक अदद स्वास्थ्य केंद्र। यहां के लोगों को स्वास्थ्य केंद्र की कमी बेहद खलती है। बड़ी बीमारियों को छोड़ भी दे तो यहां के लोगों को सर्दी-जुकाम तक के इलाज के लिए करीब सात किलोमीटर दूर सरायढेला में अवस्थित सरकारी अस्पताल पीएमसीएच जाना पड़ता है। किसी तरह का हादसा होने की स्थिति में तो इतने बड़े क्षेत्र में मरहम-पट्टी करने तक की सुविधा नहीं है। ऐसे में हादसों की स्थिति में लोगों की जान पर बन आती है। स्थानीय लोग लंबे समय से वासेपुर में स्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग कर रहे हैं। 

2017 में ही दी गई थी स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्वीकृतिः वासेपुर के लोगों की मांग पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने वर्ष 2017 में ही वासेपुर के कमर मखदुमी रोड में स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण को स्वीकृति दे दी थी। इस आलोक में विभाग की ओर से लगभग 43 लाख रुपये का फंड भी आवंटित कर दिया गया लेकिन इसके बाद बात आगे नहीं बढ़ी। करीब दो वर्ष होने के बाद भी यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है जबकि यहां के लोग इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 

हमलोगों को रात के समय किसी की तबीयत बिगडऩे पर सर्वाधिक परेशानी होती है। तब न यहां परिवहन का साधन होता है और न ही चिकित्सा का, इसलिए यहां स्वास्थ्य केंद्र अविलंब बनना चाहिए।

बाबर कुरैशी, कमर मखदुमी रोड 

वासेपुर घनी आबादी का क्षेत्र है। सड़क पर लगातार वाहन चलते हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होते रहती है लेकिन चिकित्सा सुविधा नहीं होने के कारण मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है। लोगों की जान की कीमत समझते हुए यहां स्वास्थ्य केंद्र बहुत जरूरी है। 

आजम जब्बार, मिल्लत कॉलोनी

हमलोग वासेपुर के पड़ोसी डायमंड क्रासिंग में रहते हैं। यदि वासेपुर में स्वास्थ्य केंद्र बन जाए तो डायमंड क्रासिंग के लोगों की भी मुश्किल दूर हो जाएगी। हम भी वहां तत्काल इलाज करा सकेंगे।

सुशील पांडेय, डायमंड क्रासिंग  

वासेपुर में स्वास्थ्य केंद्र बनने से सिर्फ वहीं के लोगों को सुविधा नहीं मिलेगी बल्कि आसपास के भी कई मोहल्ले के लोग लाभांवित होंगे। इसलिए वहां अविलंब स्वास्थ्य केंद्र बनाया जाना चाहिए। 

सूरज उपाध्याय, रेलवे कॉलोनी 

हमलोग लंबे समय से वासेपुर में स्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने इसकी स्वीकृति भी दे दी है तो लोगों की सुविधा के लिए छोटी-मोटी कमियों को दूर कर तत्काल इसका निर्माण शुरू करना चाहिए। 

अबू तारिक, कमर मखदुमी रोड 

स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण वासेपुर के लोगों को तमाम तरह की दिक्कतें हो रही है। यहां के गरीब तबके के लोग समय पर बेहतर उपचार नहीं करा पाते। सरकार इसपर गंभीर पहल करे। 

मो. इरशाद आलम, निशात नगर

वासेपुर के लोगों की सुविधा के लिए यहां अविलंब स्वास्थ्य केंद्र बनना चाहिए। इतने बड़े क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा नहीं होना जनता के साथ नाइंसाफी है। सरकार इसपर त्वरित पहल करे। 

मो. राशिद आलम, नूरी रोड 


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