कोयले की कमी से डीवीसी का बिजली उत्पादन आधा, कोयलांचल में कोहराम
धनबाद कोयलांचल समेत झारखंड के आधा दर्जन जिले गंभीर बिजली संकट की चपेट में हैं।
पंचेत, जेएनएन। डीवीसी ने कोयले की कमी के कारण उत्पादन में भारी कमी कर दी है। हालात यह है कि मंगलवार को उत्पादन का मानक फ्रिकवेंसी 50 से नीचे चला गया है। इस कारण जेवीवीएनएल को कम विद्युत प्रेषण के कारण बिजली की कटौती जारी है। इससे कोयलांचल अभूतपूर्व बिजली संकट की चपेट में है। क्षमता 7237 मेगावाट, उत्पादन 2957: डीवीसी का वर्तमान उत्पादन क्षमता 7237 मेगावाट है लेकिन फिलहाल मात्र 2957 मेगावाट ही कर पा रहा है। डीवीसी मैथन के पीआरओ का कहना है कि उत्पादन के अनुरूप ही जेवीवीएनएल को बिजली दी जा रही है। इसमें बिजली कटौती की कोई सीमा नही है। उनका कहना है कि कोल कंपनिया कोयला उपलब्ध नहीं करा पा रही है। डीवीसी के पास पैसे की कमी है। डीवीसी के कोल कंट्रोल विभाग के अनुसार थर्मल प्लांटों में कोयला मात्र दो-चार दिन का ही स्टाक बचा है। मंगलवार को बोकारो थर्मल ए से 404 मेगावाट, बी से 133 मेगावाट, चंद्रपुरा थर्मल से 467 मेगावाट, दुर्गापुर स्टील थर्मल प्लांट से 353 मेगावाट, मेजिया थर्मल से 941 मेगावाट और कोडरमा 476 मेगावाट, मैथन से 13 मेगावाट और पंचेत से 39 मेगावाट ही बिजली उत्पादन हुआ। डीवीसी के पास मेजिया थर्मल में दो दिन, बोकारो और चन्द्रपुरा थर्मल, केटीपीएस में 5 दिन, दुर्गापुर स्टील थर्मल प्लांट में 01 दिन का ही कोयला बचा हुआ है।
बिन बिजली तड़प रही जनता : यूं तो बकाया भुगतान का दबाव बनाने के लिए डीवीसी पहले ही झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड को दी जाने वाली बिजली में 30 प्रतिशत की कटौती कर रहा है। अब कोयले की कमी के कारण उत्पादन आधा होने से संकट और गहरा गया है। डीवीसी में कम उत्पादन के कारण धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, जामताड़ा, रामगढ़, हजारीबाग जिले की स्थिति बिन बिजली हो गई है। मंगलवार को दिन-भर बिजली आती जाती रही। 4 बजे बिजली गई तो चार घंटे बाद रात 8 बजे आई। फिर रात 12 बजे गई तो 3 बजे आई। बुधवार सुबह से धनबाद शहर में बिजली नहीं है।