झरिया पुनर्वास के लिए भूली में बनेगी ग्रीन स्मार्ट सिटी, तीन लाख का होगा बसेरा Dhanbad News
भूली स्मार्ट सिटी में बनने वाले आवास में जेआरडीए और PMAY का अंशदान होगा। विस्थापितों को मिलने वाले आवास में लाभुकों का अंशदान 3.65 लाख रुपये जेआरडीए की ओर से जमा होगा।
धनबाद, आशीष सिंह। श्रमिक नगरी भूली को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। नगर निगम जेआरडीए (झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार) के साथ मिलकर इसे मूर्तरूप देगा। भूली टाउनशिप की लगभग 500 एकड़ जमीन पर नगर निगम 66 हजार आवास बनाकर देगा। यहां अग्नि प्रभावित और अन्य कारणों से प्रभावित लोगों को बसाया जाएगा।
इतना ही नहीं, गैर पुनर्वास प्रभावित लोगों को किफायती दर पर आवास बनाकर दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दो दिन पहले मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह के सामने यह प्रस्ताव रखा। उन्होंने सहमति दी है। शनिवार को नगर निगम के पदाधिकारी बीसीसीएल अधिकारी से मिलने पहुंचे। बीसीसीएल और नगर निगम को तीन दिन में प्लान देने को कहा गया। इसमें कार्ययोजना, लागत और आवास के लिए चयनित क्षेत्र की जानकारी देनी है। बता दें कि बीसीसीएल के 60 हजार विस्थापितों और भूली के 4400 अवैध क्वार्टर में रह रहे लोगों को आवास मिलेगा। बीसीसीएल के अनुसार भूली में छह हजार क्वार्टर हैं। इनमें 1600 क्वार्टर में बीसीसीएल कर्मचारी रहते हैं। 66 हजार आवास बनने पर यहां लगभग तीन लाख लोगों को बसाया जा सकेगा। यहां हर सुविधा मिलेगी जो स्मार्ट सिटी में होती है।
जेआरडीए-पीएमएवाइ से बनेगा आवास : भूली स्मार्ट सिटी में बनने वाले आवास में जेआरडीए और प्रधानमंत्री आवास योजना का अंशदान होगा। विस्थापितों को मिलने वाले आवास में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुकों का अंशदान 3.65 लाख रुपये जेआरडीए की ओर से जमा होगा। शेष राशि पीएमएवाइ के तहत दी जाएगी। गैर पुनर्वास लोगों को जो भी आवास मिलेंगे, उसमें लाभुकों को 3.65 लाख का अंशदान देना होगा। शेष राशि का भुगतान नगर निगम पीएमएवाइ के तहत करेगा।
भूली में 500 एकड़ में स्मार्ट सिटी बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री और नगर विकास विभाग के सचिव से सहमति मिल चुकी है। बीसीसीएल से जल्द से जल्द प्लान देने को कहा गया है। इसपर शीघ्र काम शुरू किया जाएगा।
- चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर
नगर निगम के साथ शनिवार को बैठक हुई है। निगम से पूरा प्लान तैयार कर प्रस्ताव देने को कहा गया है। प्रस्ताव आते ही इसपर गंभीरता से विचार कर सकारात्मक पहल की जाएगी।
- आरएस महापात्रा, निदेशक कार्मिक बीसीसीएल
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