Graduation Political Science Syllabus: स्नातक के पॉलीटिकल सांइस के पाठ्यक्रम में हुआ बदलाव, यहां देखिए पूरा सिलेबस
स्नातक के पॉलीटिकल सांइस से ऑनर्स करने वाले छात्र महाभारत शांतिपूर्व से देश की राजनीतिक चक्रव्यूह को समझेंगे। केवल इतना ही नहीं छात्रों को नए राजनीतिक चिंतकों के विचारो को भी पढ़ा जाएगा। यूजीसी ने लर्निंग आउटकम के तहत पॉलीटिकल सांइस के सिलेबस में न केवल बदलाव किया है ।
धनबाद, जेएनएन : स्नातक के पॉलीटिकल सांइस से ऑनर्स करने वाले छात्र महाभारत शांतिपूर्व से देश की राजनीतिक चक्रव्यूह को समझेंगे। केवल इतना ही नहीं छात्रों को नए राजनीतिक चिंतकों के विचारो को भी पढ़ा जाएगा। यूजीसी ने लर्निंग आउटकम के तहत पॉलीटिकल सांइस के सिलेबस में न केवल बदलाव किया है बल्कि बदलाव से पूर्व विश्वविद्यालयों से राय भी मांगी थी।
लर्निंग आउटकम के तहत सिलेबस नई शिक्षा नीति के तहत बनाया गया है। स्नातक में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। राजनीतिक विज्ञान के छात्र दूसरे सेमेस्टर में महाभारत शांतिपर्व को पढ़ेंगे। इसके साथ पुराणों में भारत के वर्णन की भी पढ़ाई होगी। महाभारत शांतिपर्व के साथ इसी सेमेस्टर में छात्रों को भीष्म पर्व की भी पढ़ाई कराई जाएगी।प्राचीन भारत में राजनीतिक के क्या विचार और सिद्धांत थे। नए सिलेबस में इसे भी डाला गया है। यूजीसी ने अध्याय के साथ छात्रों के लिए रिफ्रेंस बुक की सूची भी तैयार की है और वेबसाइट पर डाला है।
रामायण काल के कुटनीति और सावरकर के हिन्दुत्व को भी पढ़ाया जाएगा
राजनीतिक विज्ञान के छात्र रामायण और महाभारत काल के कुटनीतिक को भी समझेंगे। उन्हें बताया जाएगा कि उस समय दो देशाें के राजा क्या कुटनीतिक व्यवहार करते थे। इसके अलावा छात्रों को आदि पुरुष मनु के सिद्धांतों को भी बताया जाएगा। वहीं पॉलीटिकल साइंस ऑनर्स करने वाले छात्रों को सावरकर के हिन्दुत्व और सामाजिक सुधार के बारे में भी बताया जाएगा। नए सिलेबस में महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों के साथ नए राजनीतिक चिंतकों के विचारों को भी नए सिलेबस में जोड़ा गया है। इनमें बकिंम चंद चटोपाध्याय, स्वामी दयानंद सरस्वती, विवेकानंद, बालगंगाधर तिलक, राम मनोहर लौहिया, जय प्रकाश नारायण और दीन दयाल उपाध्याय भी शामिल हैं।