Lockdown: बिहार में तो खुल गए, झारखंड में भी स्कूल व स्विमिंग पुल खुलने के दिख रहे पूरे आसार...जानिए कब तक खुलेंगे
दर्जनों शिक्षक बेरोजगार हो गए। स्कूलों संचालकों को भी नुकसान पहुंचा है। शेष जो भी स्कूल बचे है उनका भी हाल कमोबेश यही है। स्कूल संचालक सरकार से यह गुहार लगा चुके है या तो सरकार स्कूल खोलने की अनुमति दें या फिर उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दें।
जासं, मैथन : Lockdown, Lockdown News, झारखंड में सरकार के अगले आदेश तक अनलॉक 5.0 लागू है। अनलॉक 6.0 में झारखंडवासियों को सरकार से बड़ी छूट की उम्मीद है। स्कूल की बात करें तो पड़ोसी राज्य बिहार में 12 जुलाई से कुछ पाबंदियों के साथ स्कूल खुल गई है। कोरोना की मार झेल रहे धनबाद में एक के बाद एक 19 प्राइवेट विद्यालय बंद हो गए है। इससे दर्जनों शिक्षक बेरोजगार हो गए। स्कूलों संचालकों को भी नुकसान पहुंचा है। शेष जो भी स्कूल बचे है उनका भी हाल कमोबेश यही है। स्कूल संचालक सरकार से यह गुहार लगा चुके है या तो सरकार स्कूल खोलने की अनुमति दें या फिर उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दें।
सरकार के पास ऐसे में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। एक तरफ तो कोरोना की तीसरी लहर की आहट देश भर में सुनाई देने लगी है वहीं दूसरी ओर स्कूल संचालकों के पेट की भी चिंंता सरकार को है। ऐसे में सकरार अनलॉक 6 में बीच का रास्ता निकाल कर स्कूल संचालकों को बिहार की तर्ज पर राहत दे सकती है। ऐसे अभी राज्य में संक्रमण के मामले में कमी आई है। स्कूल संचालकों को राहत देने के साथ यह विद्यार्थियों के भविष्य का भी सवाल हैै। अनलाइन पढ़ाई की कितनी भी बात कर ले इससे सभी विद्यार्थी लाभांवित नहीं हो रहे है। इसे लेकर बच्चों की अपनी-अपनी परेशानी है। ऐसे में सरकार के तरफ से विद्यालयों को राहत मिलने के पूरे असार लग रहे है। अगर तारीख की बात की जाए तो अनलॉक 6.0 के फैसले में सरकार इसे शामिल कर सकती है। फिलहाल अनलॉक 5.0 जारी है।
सरकार हमारी भी सुनिए, डेढ़ साल से बंद पड़े स्विमिंग पूल
लाकडाउन के बाद अनलाक में धीरे धीरे खेल गतिविधि के द्वार खुलने लगे हैं। बच्चे खेल मैदान में अभ्यास के लिए उतरने लगे हैं। क्रिकेट समेत मार्शल आर्ट के खिलाड़ियों ने अभ्यास शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी भी बहुत से ऐसी खेल है जिन्हें कोरोना काल में अनुमति नहीं मिली है। स्विमिंग खिलाड़ी व कोच इंतजार में हैं की उन्हें भी स्विमिंग गतिविधि के लिए अनुमति मिल जाए। दरअसल, कोरोना काल में स्विमिंग खेल पर सबसे अधिक प्रभावित पड़ा है। पिछले साल मार्च से कोरोना के कारण स्विमिंग पूल बंद पड़े हैं। स्विमिंग खेल की गतिविधियां बंद पड़ने से इससे जुड़े खिलाड़ी, कोच व स्टाफ प्रभावित हुए हैं।
जहां खिलाड़ी स्विमिंग अभ्यास समेत खेल गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। वही स्विमिंग पूल बंद रखने से कोच और स्टाफ की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। स्थिति यह हो गई है कि स्विमिंग कोच को अपने परिवार का गुजर बसर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। ये सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि हमारी भी सुनिए। स्विमिंग पूल को खोलने की अनुमति दी जाए। स्विमिंग कोच पप्पू सिंह कहते हैं, पिछले साल मार्च से स्विमिंग पूल बंद पड़े हैं। स्विमिंग पूल बंद रहने से खिलाड़ी ना तो अभ्यास कर पा रहे हैं और ना ही खेल की गतिविधियों में हिस्सा ले पा रहे हैं । हम लोग भी अभ्यास नहीं करा पा रहे हैं । स्विमिंग पूल बंद रहने से कोच व स्टाफ की आर्थिक कमर टूट गई है । आय का स्त्रोत पूरी तरह से बंद हो गया है। परिवार चलाना मुश्किल पड़ रहा है। अगर जल्द स्विमिंग पूल को खोलने की अनुमति नहीं दी गई तो सड़क पर आ जाए। सरकार से गुजारिश है की स्विमिंग पूल को खोलने की अनुमति दी जाए ताकि बच्चे पहले की तरह अभ्यास कर सकें और हमें भी सहूलियत हो।