जागरण संवाददाता, धनबाद। कोयला अधिकारियों के परफार्मेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) भुगतान पर मुहर लग गई है। कोल इंडिया बोर्ड आफ डायरेक्टर की सोमवार को कोलकाता में हुई बैठक में इस पर सहमति बन गई। जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बीसीसीएल के 1900 समेत कोल इंडिया के करीब 18 हजार अधिकारियों को वर्ष 2019-20 का पीआरपी भुगतान किया जाएगा। फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के प्रथम सप्ताह में भुगतान हो जाएगा। कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। तकनीकी निदेशक विनय दयाल ने बताया कि स्वतंत्र निदेशकों ने पीआरपी को लेकर कई सवाल किए थे। चर्चा के बाद सहमति बन गई। बताया जाता है कि ई-वन अधिकारियों को 50 हजार तो सीएमडी व डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों को पांच लाख तक भुगतान होगा। इसके लिए चार श्रेणी तय की गई है। वहीं दागी, बर्खास्त व जांच के दायरे में आए अफसरों को इससे वंचित कर दिया गया है। बैठक में कोल इंडिया के विपणन निदेशक एसएन तिवारी व कार्मिक निदेशक विनय रंजन भी मौजूद थे।
विनय दयाल को विदाई
तकनीकी निदेशक विनय दयाल 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह ईसीएल के तकनीकी निदेशक बी वीरा रेड्डी कार्यभार संभालेंगे। कोल इंडिया चेयरमैन सहित निदेशक मंडल ने उन्हेें विदाई दी। मौके पर डीएम एसएन तिवारी, डीपी विनय रंजन आदि मौजूद थे।
बिना वजन साइडिंग में कोयला भेजने पर पीओ व जीएम फंसेंगे
राज्य सरकार ने अब परियोजना से रेलवे साइडिंग तक कोयला डिस्पैच का वजन करना जरूरी कर दिया है। इसके लिए खनन विभाग ने बीसीसीएल, सेल, टाटा व ईसीएल के महाप्रबंधकों को पत्र जारी करते हुए इसका गंभीरता से पालन करने के लिए कहा है। बिना वजन साइडिंग में कोयला जाने पर संबंधित कोलियरी के पीओ और एरिया जीएम के खिलाफ केस होगा। कोलियरी से साइडिंगपर बिना वजन किए कोयला भेजने के कई मामलों में बीच रास्ते में कोयला गायब होने की शिकायतें मिल रही हैं। वजन होने पर यह रिकार्ड में आ जाएगा और इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं होगा। पत्र मिलने के बाद कंपनी को अब परियोजना क्षेत्र में ही कांटा घर स्थापित करना होगा।
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