भाई दूज पर छुट्टी नहीं मिली तो नौकरी छोड़ पहुंच गई घर
भाई-बहन के रिश्ते को बांधने वाली डोर भले पतली होती हो, लेकिन है इतनी मजबूत कि सारी दुनिया से लड़ दे। इसका सबूत दिया है धनबाद हाउसिंग कॉलोनी में रहनेवाली रिचा सिंह ने।
जागरण संवाददाता, धनबाद: भाई-बहन के रिश्ते को बांधने वाली डोर भले पतली होती हो, लेकिन है इतनी मजबूत कि सारी दुनिया से लड़ दे। इसका सबूत दिया है धनबाद हाउसिंग कॉलोनी में रहनेवाली रिचा सिंह ने।
रिचा कल तक एक निजी कंपनी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विंग में काम करती थी। 22 लाख रुपये की पैकेज थी, लेकिन जब कंपनी ने भाई दूज पर घर आने की इजाजत नहीं दी तो रिचा नौकरी छोड़ घर पहुंच गई। युवती ने बताया कि पांच बहनों के बाद एक भाई का जन्म हुआ। इसलिए भाई के सामने कोई भी चीज मायने नहीं रखती।
रिचा ने एनआइटी जमशेदपुर से पढ़ाई की। वहीं से उसका कैंपस सेलेक्शन हुआ और नोएडा में नौकरी मिल गई। भाई चेतन चिराग डीपीएस धनबाद में 12वीं कक्षा में पढ़ता है। भाईदूज पर घर आकर बहन ने जो तोहफा दिया, उससे भाई की आंखें भर आई। बताया कि बाकी चार बहनों की शादी हो चुकी है। इसलिए वे अब आ नहीं पातीं। इस बार रिचा के आने की भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन घर आकर उसने सरप्राइज दे दिया। रिचा ने बताया कि अब आगे वह यूपीएससी की तैयारी करेगी।