Anti Naxal Operation: तोपचांची में 13 जैप जवानों की हत्या में आरोपित नक्सली तूफान को गिरिडीह पुलिस ने किया काबू, एक लाख रुपये का था इनामी
बड़ी-बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहने वाला तूफान संगठन में काम करने के क्रम में आधा दर्जन नामों के कारण चर्चित रहा। जिसमें तूफान किशोर राजकुमार व अनिल जैसे नाम शामिल है।
धनबाद / गिरिडीह, जेएनएन। Anti Naxal Operation धनबाद के तोपचांची में जैप कैंप पर हमला कर 13 जवानों की हत्या में आरोपित एक लाख रुपये के इनामी नक्सली तूफान मांझी को पुलिस ने काबू कर लिया है। 2001 में तोपचांची कांड के बाद से ही पुलिस को तूफान की तलाश थी। करीब आधा दर्जन नाम होने के कारण पुलिस बार-बार चकमा खा जाती थी। आखिरकार गिरिडीह पुलिस ने उसे दबोच लिया है।
पीरटांड़ पुलिस की टीम ने सोमवार को कुख्यात व एक लाख का इनामी नक्सली तूफान उर्फ तूफान मांझी उर्फ किशोर चंद किस्कू को पीरटांड के झरहा स्थित अपने गांव से गिरफ्तार किया। वह धनबाद के तोपचांची जैप कैंप पर हमला सहित अन्य मामलों में आरोपित था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी गिरिडीह-डुमरी मुख्य पथ पर स्थित मांझीडीह चौक के समीप से किया। वह पहले पतिराम मांझी दस्ता में शामिल था लेकिन वर्तमान समय वह एक करोड़ का इनामी नक्सली अनल दा के दस्ते में शामिल होकर नक्सली गतिविधियों का संचालन कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में प्रेसवार्ता आयोजित कर दी।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नक्सली पर एक लाख का इनाम है। पुलिस को गुप्त जानकारी मिली थी कि तूफान मांझीडीह इलाके में सक्रिय है। जिसके आधार डुमरी एसडीपीओ निरज कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कर उसकी गिरफ्तारी के लिए रणनीति बनाई गई। जिसके आधार पर मांझीडीह चौक से उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में उसने कई अहम जानकारियां दी है। साथ ही उसने गिरिडीह सहित धनबाद जिले के नक्सली घटनाओं में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया है।
कई नामों से संगठन में था चर्चित
नक्सली घटनाओं में शामिल रहने वाला तूफान संगठन में काम करने के क्रम में आधा दर्जन नामों के कारण चर्चित रहा। जिसमें तूफान, किशोर, राजकुमार व अनिल जैसे नाम शामिल है।
तोपचांची जैप कैंप हमले में था शामिल
गिरफ्तार इनामी नक्सली तूफान धनबाद के तोपचांची स्थित जैप के पुलिस कैंप पर 2001 में हमले का आरोपित रहा है। नक्सलियों के इस हमले में जैप के 13 जवान शहीद हो हुए थे। साथ ही नक्सलियों ने यहां रखे जवानों के हथियार भी लूट लिए थे। साथ ही गिरिडीह-डुमरी पथ पर वर्ष 2010 में गिरिडीह से लौट रही सुरक्षा एजेंसी की वाहन को नक्सलियों ने पुलिया ब्लास्ट कर उड़ा दिया था। इस घटना में सुरक्षा एजेंसी के पांच जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा रोड़ निर्माण में लगी कंपनी के साइट पर हमला समेत कई अन्य मामलों का आरोपित रहा है।
आठ मामलों में रहा था शामिल
गिरफ्तार नक्सली तूफान के विरूद्ध गिरिडीह के अलावा धनबाद के अलग-अलग थानों में आठ प्राथमिकी दर्ज है। ये सारे प्राथमिकी नक्सली घटनाओं को अंजाम देने से संबंधित है। इसके तहत पीरटांड़ थाने में वर्ष 2001 में दो प्राथमिकी, तोपचांची थाना में वर्ष 2001 में एक प्राथमिकी, पीरटांड थाने में वर्ष 2002 में एक व 2008 में दो प्राथमिकी, धनबाद के टुंडी थाना में 2009 में एक प्राथमिकी व पीरटांड़ थाने में वर्ष 2010 में एक प्राथमिकी शामिल है।
छापेमारी टीम में ये थे शामिल
इनामी नक्सली तूफान को गिरफ्तार करने के लिए डुमरी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नीरज कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। इस टीम में डुमरी अंचन के पुलिस निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह, पीरटांड थाना प्रभारी अशोक प्रसाद, पुअनि श्रीकांत ओझा, अनिश कुमार पांडेय, प्रशिक्षु पुअनि चंदन कुमार सिंह, नितेश कुमार पांडेय व पुलिस केन्द्र में पदस्थापित पुअनि उपेन्द्र कुमार राय के अलावा अन्य शामिल थे।