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Jharkhand: बिहार चुनाव में शराब तस्करी का केंद्र बना गिरिडीह, गिरफ्तार पूर्व पार्षद ने नेटवर्क का किया खुलासा

गिरिडीह जिले के अति नक्सल प्रभावित इलाके जहां पुलिस की गतिविधियां नहीं है वहां नकली शराब बनाकर बिहार भेजा जा रहा है। अति नक्सल प्रभावित पीरटांड़ प्रखंड एवं डुमरी प्रखंड अवैध शराब के धंधे का केंद्र बना हुआ है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 02:37 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 02:37 PM (IST)
Jharkhand: बिहार चुनाव में शराब तस्करी का केंद्र बना गिरिडीह, गिरफ्तार पूर्व पार्षद ने नेटवर्क का किया खुलासा
गिरिडीह पुलिस ने शराब तस्करी में बिहार के पूर्व पार्षद को गिरफ्तार किया।

गिरिडीह [ दिलीप सिन्हा ]।  पूरे बिहार में शराब प्रतिबंधित है। इस कारण दूसरे राज्यों से वहां तस्करी कर शराब पहुंचाया जा रहा है। बिहार में शराब की आपूर्ति का सबसे बड़ा केंद्र गिरिडीह बन गया है। गिरिडीह से थोक भाव में बिहार शराब की आपूर्ति की जा रही है। सीमावर्ती इलाका होने के कारण गिरिडीह से आसानी से शराब बिहार पहुंचाया जा रहा है। गिरिडीह से जमुई जिला होते हुए पूरे बिहार में शराब की आपूर्ति की जा रही है।

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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर यह अवैध धंधा और तेज हो गया है। पुलिस अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि पूर्व पार्षद एवं भाजपा नेता शिवम आजाद से लेकर कई प्रभावशाली लोग इस धंधे में शामिल हैं। चुनाव के दौरान शराब की तस्करी पर कैसे रोक लगे, इसे लेकर प्रशासन मंथन कर रहा है। पुलिस ने फरार पूर्व पार्षद शिवम आजाद को मंगलवार को गिरफ्तार कर इस धंधे पर अंकुश लगाने की दिशा में पहल की है। आला पुलिस अधिकारियों ने भी उससे पूछताछ की है। शिवम आजाद से शराब के धंधेबाजों के रैकेट का खुलासा पुलिस कर सकती है। 

गिरिडीह जिले के अति नक्सल प्रभावित इलाके जहां पुलिस की गतिविधियां नहीं है, वहां नकली शराब बनाकर बिहार भेजा जा रहा है। अति नक्सल प्रभावित पीरटांड़ प्रखंड एवं डुमरी प्रखंड अवैध शराब के धंधे का केंद्र बना हुआ है। इन क्षेत्रों में अवैध शराब के कई फैक्ट्री चलने का खुलासा पुलिस एवं उत्पाद विभाग की टीम कर चुकी है। सभी में यही बात सामने आई है कि यहां नकली शराब तैयार कर उसे बिहार में खपाया जा रहा है। नक्सली क्षेत्रों में और विशेषकर आदिवासियों के घरों में नकली शराब की फैक्ट्री का संचालन माफिया कर रहे हैं। 

केस स्टडी 1

मुफस्सिल थाना अंतर्गत मोहनपुर इलाके में एक बंद लोहा फैक्ट्री से पुलिस ने पिछले महीने भारी मात्रा में बेल्जियम की बियर बरामद की थी। दूसरे जिले से मंगाकर उक्त फैक्ट्री में रखा गया था। इसके बाद वहां ट्रकों पर बियर लादकर बिहार भेजने की तैयारी की जा रही थी। इसी बीच पुलिस को इसकी जानकारी हो गई। पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। साथ ही बियर के साथ दो वाहन भी जब्त किए थे। इस मामले में पूर्व पार्षद शिवम आजाद, फैक्ट्री मालिक समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। गिरफ्तार लोगों ने स्वीकार किया कि बरामद बियर शिवम आजाद ने मंगाए थे जिसे वे बिहार लेकर जाने वाले थे। 

केस स्टडी 2

उत्पाद विभाग ने मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के चंदली गांव में 28 सितंबर की अहले सुबह छापेमारी कर मिनी शराब फैक्ट्री का खुलासा किया था। भारी मात्रा में नकली शराब एवं शराब बनाने की सामग्री बरामद की थी। पूरन मंराडी के घर पर ही शराब का अवैध कारोबार चला रहा है। छापेमारी में बरामद रॉयल स्टैग, किंग्स गोल्ड और आईबी समेत अन्य कंपनियों के ब्रांडेड शराब और बीयर हिमाचल प्रदेश के लगे रैपर के थे लेकिन उसे चंदली में तैयार कर गिरिडीह के रास्ते बिहार भेजा जा रहा है। चुनाव को लेकर हाल के दिनों में पूरन मंराडी व उसके बिजनेस पार्टनर को बड़े पैमाने पर बिहार के गया, जमुई समेत कई जिलों से ऑर्डर मिला था। इन डिमांड को पूरा करने के लिए पूरन शराब बना रहा था। 

गिरफ्तार शिवम आजाद गया जेल 

गिरफ्तार भाजपा नेता व पूर्व पार्षद शिवम आजाद को मुफस्सिल थाना पुलिस ने पूछताछ के बाद बुधवार को एसडीजेएम रंजय कुमार की अदालत में पेश किया। वहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। फरार चल रहे भाजपा नेता व पूर्व पार्षद शिवम आजाद को गिरिडीह पुलिस ने मंगलवार की शाम को बगोदर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसे लेकर रात को मुफस्सिल थाना पहुंची थी। आला पुलिस अधिकारियों ने उससे लंबी पूछताछ की थी। शिवम आजाद को पुलिस शराब तस्करी के तीन व रंगदारी के एक मामले में लंबे समय से तलाश कर रही थी। 


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