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होल्डिंग टैक्स की चोरी रोकने को सभी मकानों की होगी जियो टैगिंग, जानिए डीएमसी की तैयारी

मकान का जियो टैग कर उसका डेटा नगर निगम के डीएमसी वेबसाइट में अपलोड किया जा रहा है। इसके पीछे ऑनलाइन टैक्स संग्रहण करना है और होल्डिंग हुए मकान डेटा स्टोर रखना है।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 01:59 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 01:59 PM (IST)
होल्डिंग टैक्स की चोरी रोकने को सभी मकानों की होगी जियो टैगिंग, जानिए डीएमसी की तैयारी
होल्डिंग टैक्स की चोरी रोकने को सभी मकानों की होगी जियो टैगिंग, जानिए डीएमसी की तैयारी

धनबाद, जेएनएन। शहरी क्षेत्र के 48 हजार मकान व बहुमंजिला भवन नगर निगम के रडार पर हैं। धनबाद नगर निगम (डीएमसी) के वार्डों में होल्डिंग हुए मकानों की जियो टैगिंग करवा रहा है। इसके तहत होल्डिंग धारकों के मकान व बहुमंजिला भवनों की भौगोलिक स्थिति निकाली जा रही है। मकान कितने वर्गफीट में निर्मित हैं, उसका असेसमेंट जियो टैग से किया जा रहा है। निगम में 48 हजार होल्डिंग हुए मकान व अपार्टमेंट हैं, जिसमें अभी तक 11 हजार की जियो टैगिंग हो चुकी है। बचे हुए की टैगिंग जारी है। 

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डीएमसी की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे डेटाः मकान का जियो टैग कर उसका डेटा नगर निगम के डीएमसी वेबसाइट में अपलोड किया जा रहा है। इसके पीछे ऑनलाइन टैक्स संग्रहण करना है और होल्डिंग हुए मकान डेटा स्टोर रखना है। निगम जियो टैग नंबर से संबंधित मकान का ब्योरा कभी भी निकाल पाएगा। वेबसाइट में एक क्लिक करने से मकान का पूरा डेटा सामने आ जाएगा। कितने वर्गफीट में निर्मित है, वह आसानी से पता चल जाएगा। 

टैक्स की चोरी करना भी मुश्किलः इन मकानों की जियो टैगिंग होने से किसी के लिए टैक्स की चोरी करना मुश्किल होगा। चूंकि वेबसाइट में रजिस्टर्ड मकान की लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई उपलब्ध रहेगी, इसलिए होल्डिंग धारक के लिए टैक्स छुपाना मुश्किल हो जाएगा। 

जियो टैगिंग के लिए चार टीम गठितः नगर निगम में मकानों के जियो टैगिंग के लिए चार अलग-अलग टीम गठित की गई है, जो वार्डों में घूम-घूमकर मकानों की जियो टैगिंग कर रहे हैं। जियो टैगिंग में कई मकानों का असेसमेंट कम निकल रहा है, जिसपर जुर्माना लगाया जा रहा है। 

क्या है जियो टैगः जियो टैग का अर्थ किसी कार्य या मकान की भौगोलिक स्थिति निकालना है। कोई मकान कितनी दूरी और कितने क्षेत्रफल में बना हुआ है, वह जियो टैग से पता लगाया जाएगा। इसके तहत अक्षांश व देशांतर के माध्यम से मकान की भौगोलिक स्थिति निकाली जाती है। 

नगर निगम में 48 हजार होल्डिंग मकान हैं, जिनकी जियो टैगिंग कराई जा रही है। इसके लिए चार अलग-अलग टीम गठित कर दी गई है। 

- चंद्रमोहन कश्यप, नगर आयुक्त 


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