रंजीत सिंह हत्याकांड से जुड़ा 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का कनेक्शन
झावियुमो के धनबाद जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह की हत्या के मामले में गैंग्स ऑफ वासेपुर का नाम जुड़ गया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड विकास युवा मोर्चा (झावियुमो) के धनबाद जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह की हत्या के मामले में गैंग्स ऑफ वासेपुर का नाम जुड़ गया है। रंजीत के बड़े भाई संजय सिंह के बयान पर धनबाद जेल में बंद प्रिंस खान, उसके भाई के अलावा गोधर के बिंट्टू रवानी तथा राजेश चौहान के खिलाफ गोंदूडीह पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस ने घायल मुन्ना खान का फर्द बयान भी दर्ज कर लिया है। प्रिंस जमशेदपुर जेल में बंद वासेपुर के फहीम खान का भाजा है।
प्रिंस, बिंट्टू और राजेश पर प्राथमिकी: मंगलवार की शाम कुसुंडा रेलवे फाटक के पास रंजीत को गोली मार दी गई थी। हत्या के विरोध में बुधवार को धनबाद बंद का मिला-जुला असर रहा। लोग सड़क पर उतरे। देर शाम मोहलबनी घाट पर रंजीत का अंतिम संस्कार कर दिया गया। संजय ने लिखित शिकायत में पुलिस को बताया कि प्रिंस, बिंट्टू और राजेश उसके भाई से रंगदारी माग रहे थे। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। संजय ने पुलिस को दो मोबाइल नंबर भी दिए जिनसे रंजीत को गैंग्स के लोग धमका रहे थे। झरिया के बनियाहीर निवासी रामसेवक सिंह के पुत्र संजय ने शिकायत पत्र में बताया कि रंजीत बीकेबी ट्रासपोर्ट में साइड इंचार्ज का काम करता था। कुसुंडा न्यू रेलवे साइडिंग में रेलवे रैक में कोयला लोड कर विभिन्न पावर प्लाटों को भेजा जाता है। रंजीत के मोबाइल पर 8 अगस्त को करीब 6 बजे कॉल आई।
प्रति टन पांच रुपये की मांगी रंगदारी: फोन करने वाले ने कहा कि वह जेल से वासेपुर गैंग्स का आदमी बोल रहा है। तुम कुसुंडा साइडिंग पर कोयला ट्रासपोटिंग का जो काम कर रहे हो उसमें हमलोगों को प्रति टन पाच रुपये रंगदारी देनी होगा। यह बात उनके भाई ने उन्हें बताई। संजय ने बताया कि उनका भाई जब भी देर रात साइडिंग से काम खत्म कर घर आता था तो बहुत घबड़ाया रहता था। कई बार उन्हें बताया था कि गैंग्स ऑफ वासेपुर का प्रिंस खान, उसका भाई तथा बिट्टू एवं राजेश पाच रुपये प्रति टन रंगदारी माग रहे हैं। धमकी दे रहे हैं कि रंगदारी नहीं देने पर उसकी हत्या कर देंगे। गोलीबारी के दौरान रंजीत के साथ मुन्ना खान व इंद्रजीत सिंह मौजूद थे। ये दोनों अपराधियों को देखते ही पहचान जाएंगे।