रामगढ़ गैस टैंकर में झुलसे गफूर आलम की मौत
रामगढ़ घाटी में गैस टैंकर विस्फोट के चपेट में आने से बुरी तरह से झुलसे बिरनी के गफूर आलम की शुक्रवार की सुबह इलाज के क्रम में रिम्स रांची में मौत हो गयी।
बिरनी (गिरिडीह) , जेएनएन। रामगढ़ घाटी में सोमवार को गैस टैंकर विस्फोट के चपेट में आने से बुरी तरह से झुलसे बिरनी के गफूर आलम की शुक्रवार की सुबह इलाज के क्रम में रिम्स रांची में मौत हो गयी। वहीं हसीना बीबी की हालत गंभीर बनी हुई है।
बिरनी के मनसुद्दीन अंसारी का शव लेकर वे एम्बुलेंस से रिम्स से आ रहे रहे थे। गैस टैंकर विस्फोट के चपेट में आने से शव समेत एम्बुलेंस जलकर राख हो गयी थी। गफूर मनसुद्दीन का जीजा था।
जानकारी हो कि रामगढ़ घाटी में बीते सोमवार की रात एक गैस टैंकर में हुए विस्फोट के बाद उसकी चपेट में आने से बिरनी के पडरमनियां टोला कारू पहाड़ के रहनेवाले मनसुद्दीन मियां के शव समेत एंबुलेंस जलकर राख हो गई। इस हादसे में मनसुद्दीन की पत्नी समेत दो लोग बुरी तरह से झुलस गए थे।
दोनों रिम्स रांची में मौत से जूझ रहे थे। उसके शव के जले अवशेष को तीन दिन बाद गुरुवार अहले सुबह को परिजन व ग्रामीणों ने विधिवत रूप से मिट्टी देकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान मृतक के पुत्र इस्लाम, मनवर व राजू अंसारी ने बताया कि घटना के तीन दिन बाद रामगढ़ थाना की पुलिस ने बुधवार शाम को शव के जले अवशेष व कंकाल दिया। मिट्टी देने में मुखिया कैलाश मंडल, पंसस सिराज अंसारी, राजू अंसारी, काति मियां, रज्जाक अंसारी, बहादुर अंसारी, मौलाना इकराम, मौलाना तेगली, मौलाना अख्तर, रफीक इस्लाम, राजू आदि शामिल थे।
दो घायलों का चल रहा था इलाज :
मृतक के पुत्रों का कहना है कि अपने पिता की बीमारी में उनलोगों ने काफी रुपए खर्च किए लेकिन वे बच नहीं सके। हालात यह थे कि उनके जले शव को ही मिट्टी देनी पड़ी। ज्ञात हो कि टैंकर विस्फोट में शव के जलने के अलावा मृतक की पत्नी हसीना बीबी, जीजा गफूर आलम, पुत्र मनवर अंसारी व दामाद मिस्टर अंसारी भी बुरी तरह से घायल हो गए थे। इसमें हसीना बीबी व गफूर आलम को रिम्स रांची में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी।