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Haji Hussain Ansari Final Journey: झारखंड के दिवंगत मंत्री हाजी हुसैन का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, मुख्यमंत्री हुए शरीक

हाजी हुसैन अंसारी हर दिल अजीज थे। हर जाति समुदाय के लोगों के दिल पर राज करते थे। उनके निधन की खबर जैसे ही आई हर आंख नम हो गई। खासतौर से मधुपुर शहर शोक में डूब गया।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 04:59 PM (IST)
Haji Hussain Ansari Final Journey: झारखंड के दिवंगत मंत्री हाजी हुसैन का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, मुख्यमंत्री हुए शरीक
झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी झामुमो के विधायक थे।

मधुपुर, जेएनएन। झारखंड के दिवंगत मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का रविवार को मधुपुर के पिपरा में अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उपस्थित थे।   अंसारी का शनिवार  को निधन हो गया था।  वे 74 साल के थे।  रांची के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। हेमंत सोरेन सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण व निबंधन मंत्री थे। वे मधुपुर विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। हाजी हुसैन अंसारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें इलाज के लिए रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। शनिवार की दोपहर को उनका निधन हो गया। 

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सबकी आंखें हुई नम 

मंत्री हाजी हुसैन अंसारी हर दिल अजीज थे। हर जाति समुदाय के लोगों के दिल पर राज करते थे। उनके निधन की खबर जैसे ही आई, हर आंख नम हो गई। खासतौर से मधुपुर शहर शोक में डूब गया। आमलोगों की जुबान पर यही था कि अपने प्रभाव का उन्होंने कभी दुरुपयोग नहीं किया। हर जाति समुदाय के लोगों को अपने प्यार दिया। यही कारण है कि वह मधुपुर क्या पूरे झारखंड के लोगों के दिलों पर राज करते थे। 

मारगोमुंडा में शोक की लहर

मारगोमुंडा प्रखंड क्षेत्र में मंत्री के निधन से शोक की लहर दौड़ गई है। घटना की खबर सुनकर उनके पैतृक गांव पिपरा मे सन्नाटा छा गया। झारखण्ड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने पदभार ग्रहण के बाद कहा था कि वे राज्य में मदरसा बोर्ड अलग करेंगे। झारखंड में बिहार की तर्ज पर काम किया जाएगा एवं शिक्षकों को वेतन की समस्या को दूर किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर विरोध जताया।

क्या कहा नेताओं ने 

उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता

कांग्रेस नेत्री शबाना खातून ने अपने दुखों का इजहार करते हुए कहा कि हमलोगों के बीच चाचा नहीं रहे। हाजी हुसैन अंसारी की मौत की खबर जैसे ही सुनी, मैैं स्तब्ध रह गया। उनका प्यार कभी नहीं भुलाया जा सकता है। वह हमेशा इंसानियत का पाठ हम सबको पढ़ाते रहे। अल्लाह ताला से दुआ है कि करवट करवट जन्नतुल फिरदौस में जगाता फरमाए और उनके परिवार के तमाम सदस्यों को दुख सहने की शक्ति दें। 

राजनीति में कभी नहीं रहा तामझाम

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री राज परिवार ने सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। कहा कि हाजी हुसैन अंसारी सहृदय एवं सीधे-साधे व्यक्तित्व के धनी इंसान थे। राजनीति में उन्होंने कभी तामझाम को नहीं अपनाया। वह बेहद ही सरल, सहृदय, व्यवहारिक के साथ-साथ सीधे-साधे व्यक्ति थे। उनकी खासियत सादगी भरी इंसानियत थी। जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे। 

गरीबों के लिए करते रहे काम

राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के असामयिक निधन पर पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा ने शोक जताया। कहा कि हुसैन साहब के इस तरह से अचानक चले जाने से अचंभित व दुखी हैं। उनसे पिछले 40 वर्षों से व्यक्तिगत संबंध था। पहले तो वह कांग्रेस में ही थे तथा मेरे हमेशा करीबी रहे। उनका निधन झारखंड की जनता के लिए अपूरणीय क्षति है। वह मृदुभाषी व गरीबों के लिए काम करने वाले नेता थे। 

सबके लिए हर समय थे उपलब्ध

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के राज्य सचिवमंडल विप्लव प्रकाश ने गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि हाजी साहब सरल स्वभाव के और सभी के लिए हर समय उपलब्ध राजनेता थे। उनके निधन से झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत लोकतांत्रिक-धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को काफी नुकसान हुआ है।


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