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पूर्व केंद्रीय मंत्री का दावा; मेरे प्रयास से बचा SBI जोनल कार्यालय, वित्त मंत्री को लिखा था पत्र Dhanbad News

प्रो. वर्मा ने कहा कि चैंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के आग्रह पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन को मेल भेजा था।

By Sagar SinghEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 12:05 PM (IST)
पूर्व केंद्रीय मंत्री का दावा; मेरे प्रयास से बचा SBI जोनल कार्यालय, वित्त मंत्री को लिखा था पत्र Dhanbad News
पूर्व केंद्रीय मंत्री का दावा; मेरे प्रयास से बचा SBI जोनल कार्यालय, वित्त मंत्री को लिखा था पत्र Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेत्री प्रो. रीता वर्मा ने कहा कि एसबीआइ जोनल कार्यालय का स्थानांतरण रुकवाने में सबसे गंभीर लड़ाई व्यवसायी वर्ग ने लड़ी। प्रो. वर्मा के मुताबिक, चैंबर ऑफ  कॉमर्स और इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के आग्रह पर उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन को बुधवार को ही मेल भेजा था। वित्त मंत्रालय में संदेश भी छोड़ा कि यह पत्र निर्मला जी के पास समय से पहुंच जाए। एक जिम्मेदार अधिकारी ने अपना कर्तव्य निभाया। जोनल कार्यालय के स्थानांतरण का आधार जो भी हो। परंतु इतना जरूर है कि मेरी चिठ्ठी मिलने के कुछ घंटों के भीतर सब कुछ बदल गया। जोनल कार्यालय धनबाद में ही रह गया।

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श्रेय लेने वाले नेताओं को बताया बयानवीर : प्रो. वर्मा ने कहा अदालत में मुकदमा वही जीतता है जो तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर लड़ता है। साथ ही अपनी बात स्पष्टता के साथ रख पाता है। यह बात हर मामले में लागू है। बयानबाजी और तथ्यहीन बातें करने से काम होना होता तो अनेक स्थानों पर बयानवीर नेता भरे पड़े होते हैं और काम एक ढेले का भी नहीं होता है। मैंने भारतीय स्टेट बैंक के मामले में भी ठोस तथ्यों के आधार पर अपना पक्ष रखा और लाभ-हानि बताया। मैंने कुछ साल पहले परिसीमन के मामले में भी ऐसी ही भूमिका निभाई थी। परिसीमन के बाद झरिया विधानसभा क्षेत्र को बोकारो में मिलाने का प्रस्ताव था। खुशी है कि मेरी तथ्यपरक बातों को गंभीरता से लिया गया था।

सांसद ने भी स्थानांतरण का किया था विरोध : गौरतलब है कि धनबाद स्थित भारतीय स्टेट बैंक को जोनल कार्यालय देवघर स्थानांतरण हो रहा था, जिसपर गुरुवार को रोक लगा दी गई। हालांकि, इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी थी। एसबीआई प्रबंधन ने पिछले दिनों बीएसएनएल को पत्र लिखकर जोनल कार्यालय से कनेक्शन हटा लेने का आग्रह किया था। प्रबंधन के इस फैसले को लेकर धनबाद के व्यापारियों व औद्योगिक लोगों में खासा आक्रोश था। इसको लेकर चैंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स लगातार विरोध कर रहा था। वहीं, धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने भी बैंक जोनल कार्यालय के स्थानांतरण को विरोध किया था।


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