Lok Sabha Election 2019: भाजपा की पूर्व विधायक कुंती बोलीं, मां होने के कारण सिद्धार्थ के साथ
भाजपा की चुनाव संचालन समिति में नाम डालने से कुंती सिंह ने नाखुशी जाहिर किया। बोलीं कि पीएन सिंह उनके पुत्र संजीव सिंह से मिलने के लिए धनबाद जेल गए थे।
धनबाद,जेएनएन। सिंह मेंशन के सूर्यदेव सिंह की पत्नी कुंती सिंह। झरिया की पूर्व विधायक रही हैं। वर्तमान विधायक संजीव सिंह की माता हैं। पीएन सिंह को विजेता बनाने के लिए भाजपा ने धनबाद लोकसभा की चुनाव संचालन समिति में उन्हें सदस्य बनाया है। पूर्व सांसद सह कैबिनेट मंत्री रीता वर्मा का नाम सूची से हटा दिया है। भाजपा नेतृत्व के इस कदम से न कुंती खुश हैं, न रीता वर्मा। कुंती बोलीं कि भाजपा के किसी नेता से नहीं कहा था कि चुनाव संचालन समिति में शामिल करें। अपने मन से कुछ कर देते हैं तो कोई क्या करे।
सिद्धार्थ गौतम ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का फैसला लिया है। मां होने के कारण वे सिद्धार्थ के फैसले के साथ हैं। लोकतंत्र में उन्हें चुनाव लडऩे का हक भी है। तबियत नासाज है। तनिक भी आराम महसूस हुआ तो सिद्धार्थ को विजयश्री की माला पहनाने के लिए आशीर्वाद मांगने जनता के बीच जरूर जाएंगी।
भाजपा की चुनाव संचालन समिति में नाम डालने से कुंती सिंह ने नाखुशी जाहिर किया। बोलीं कि पीएन सिंह उनके पुत्र संजीव सिंह से मिलने के लिए धनबाद जेल गए थे। चाहते थे कि सिद्धार्थ गौतम को चुनाव लडऩे से मना किया जाय। सिद्धार्थ भाजपा का सदस्य होता तो शायद मान जाता। वह किसी दल में नहीं है। पिछले पांच साल में परिवार के साथ जो कुछ हुआ है, उससे वह अनजान नहीं है। सभी बातों की समझ है। उसने सोच विचार के बाद उसने चुनावी महासमर में आने का फैसला किया है। धनबाद के लोकसभा चुनाव में अभी तक किसी निर्दलीय के चुनाव नहीं जीतने के सवाल पर उन्होंने कहा कि झरिया से भी कभी भाजपा नहीं जीती थी। सिंह मेंशन ने कदम रखा तब पहली बार वहां कमल खिला था। सियासत में बहुत कुछ पहली बार होता है। निर्दलीय चुनाव जीतने का नया रिकार्ड बन सकता है। याद रखिए, सिद्धार्थ गौतम को वोट काटने वाला नेता कह कर कोई खारिज करने का दुष्प्रचार करता है तो यह उसकी भूल है। कुंती सिंह ने कहा कि झरिया में संजीव सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं तो उनके भी चुनाव प्रचार में जाएंगी। यह भी तय है।
पीएन सिंह का चुनाव प्रचार करना भी नहीं चाहती : रीता वर्मा
चुनाव संचालन समिति से नाम हटाए जाने का पूर्व सांसद प्रो. रीता वर्मा पर कोई असर नहीं पड़ा है। दिल्ली से दूरभाष पर उन्होंने बताया कि वे पीएन सिंह जैसे उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करना भी नहीं चाहतीं। उनका नाम हटाने व निर्दलीय प्रत्याशी सिद्धार्थ गौतम का प्रचार करने की हामी भर चुकीं कुंती सिंह का नाम शामिल करने पर भी उन्होंने चुटकी ली। प्रो. वर्मा ने कहा कि इन दिनों भाजपा में यही हो रहा है। अपनी इच्छा से लोगों को समिति में रखा जा रहा है और जो समर्पित हैं उन्हें बाहर किया जा रहा है।