बांस के जंगल और जलाशय से रुकेगा गांव में हाथियों का प्रवेश
धनबाद बांस के पौधे लगाए जाएंगे ताकि खाने की कमी न रहे। जलाशय बनाए जाएंगे जहां प्यास बुझा सके। हाथियों के लिए यह सबकुछ तैयार किया जाएगा ताकि हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश न कर सके।
धनबाद : बांस के पौधे लगाए जाएंगे ताकि खाने की कमी न रहे। जलाशय बनाए जाएंगे जहां प्यास बुझा सके। हाथियों के लिए यह सबकुछ तैयार किया जाएगा ताकि हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश न कर सके। जी हां, वन विभाग ने हाथियों को गांव में प्रवेश करने के लिए एक नई योजना पर काम कर रहा है। विभाग का उद्देश्य है कि हाथी को जंगल में ही रोका जा सके और वे गांवों की ओर रुख न करे। विभाग का मानना है कि हाथियों का झुंड भोजन की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों में आते हैं। यदि जंगल में ही उनके मन मुताबिक भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था हो जाए तो वे वहीं रहना पसंद करेंगे और जान-माल का नुकसान कम होगा। इस नई योजना के तहत वन विभाग ने जंगल में ही हाथियों के भोजन-पानी की व्यवस्था तैयार करने जा रहा है। हाथियों का मनपसंद भोजन बांस के पौधों का विस्तार करने की योजना बनाई है। केवल इतना ही नहीं हाथियों के लिए अलग से बांस का जंगल तैयार करने पर भी विचार कर रहा है। खासतौर पर उन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां हाथियों का विचरण ज्यादा होता है। वहीं हाथियों को पीने का पानी मिल सके इसके लिए जंगल के अंदर छोटे-छोटे जलाशयों का भी निमार्ण किया जाएगा। बांस का जंगल और पीने के पानी की व्यवस्था हो जाने पर हाथियों को गांव में प्रवेश करने से रोकना आसान हो जाएगा।
----------------- क्यूआरटी टीम का होगा गठन डीएफओ विमल लकडा ने बताया कि हाथियों के उत्पात पर अंकुश लगाने के लिए क्यूआरटी टीम गठित की जाएगी। एक टीम में छह लोग शामिल होंगे। इनकी तैनाती हाथियों से प्रभावित गांवों में होगी। हाथियों के आने-जाने की सूचना मिलते हीं टीम तुरंत उस स्थान पर पहुंच जाएगी। इसके साथ ही टीम आस-पास के ग्रामीणो को भी इसकी सूचना देगी, ताकि उन्हें समय पर जागरूक किया जा सके।