जानिये कहां और कैसे पाताल में आती बाढ़
जमीन पर और नदियों में कैसे बाढ़ आती है यह बताने की जरूरत नहीं है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। जमीन पर और नदियों में कैसे बाढ़ आती है यह बताने की जरूरत नहीं है। क्या कभी सोचा है कि पाताल में भी बाढ़ आती है? नहीं न। यह जान लीजिए कि पाताल में भी बाढ़ आती है। यह अपने साथ भारी तबाही लेकर आती है। आती है तो जान-माल की क्षति होती है। हम बात कर रहें हैं भूमिगत कोयला खदानों की। पाताल लोक में बाढ़ का शिकार बना है बीसीसीएल की लोयाबाद कोलियरी का पांच नंबर भूमिगत खदान। जलमग्न होने के कारण खदान को बंद करना पड़ा है। मजदूरों का आना-जाना बंद : लाख कोशिशों के बाद भी लोयाबाद कोलियरी का पांच नंबर भूमिगत खदान को पाताल लोक की बाढ़ से नहीं बचाया जा सका है। जलस्तर बढ़ जाने के बाद शनिवार शाम को प्रबंधन ने खदान को बंद कर देने की घोषणा की। कुछ वर्षो पूर्व यहां से कोयले का उत्पादन इस शर्त पर बंद किया गया था कि पिट वाटर की आपूíत किसी कीमत पर बंद नहीं की जाएगी। अब यह महज एक इतिहास बनकर रह गया। खादान में पानी भर चुका है। जलापूíत करनेवाला मोटर पंप भी डूब चुका है। रविवार से मजदूरों का खदान के अंदर आना जाना पूरी तरह बंद हो गया। कोलियरी प्रबंधन की मानें तो खदान में जहां पर डोली उतरती थी वहां तक पानी पहुंच चुका है। पानी की रफ्तार इतनी तेज है कि पंप को भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। आंदोलन न आया काम : खदान से पानी आपूíत बंद नहीं हो इसके लिए लोयाबाद बचाओ संघर्ष मोर्चा ने जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता रणविजय ¨सह भी इस आंदोलन में कूदे, यहां तक कि विधायक ढुलू महतो ने भी जीएम पी चंद्रा से वार्ता की और कहा कि किसी भी कीमत में खदान बंद नहीं होने देंगे। चेतावनी दी थी कि अगर खदान बंद हुआ तो पूरे 12 क्षेत्रों का चक्का जाम कर दिया जाएगा। पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो भी पिट पर पहुंचे व प्रबंधन के प्रति नाराजगी जताई। बावजूद इस खदान को बंद होने से बचाया नहीं जा सका। समरसेबल पंप डालना चाहता था प्रबंधन : पांच नंबर के इस खदान को बंदकर प्रबंधन बोर हॉल में समर सेबल पंप डालकर पानी की आपूíत करना चाहता था। ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद प्रबंधन अपने मकसद में कामयाब तो नहीं हो सका, पर सुस्ती दिखाकर खदान को बारिश के पानी से डुबाने में सफल जरूर हो गया। खदान में पानी काफी तेजी से बढ़ रहा है।
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पानी की रफ्तार इतनी तेज है कि खदान से पंप को भी बाहर नहीं निकाला जा सका। अब इस खदान से पानी की आपूíत पूरी तरह से बंद हो गई है। बोर हॉल से ही पानी की आपूíत की जाएगी।
मधुसूदन शर्मा, प्रबंधक