India Lockdown: नेपाल में फंसे दुमका के 50 मजदूर, वतन वापसी के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार
मजदूर टावर के फाउंडेशन का काम करते हैं। सभी मजदूर दुमका जिला के जामा रामगढ़ सरैयाहाट एवं जरमुंडी के हैं।
दुमका, जेएनएन। दुमका के 50 मजदूर काठमांडो से 70 किमी दूर सिंदुपाल में फंस गए हैं। कोरोना के कारण वहां भी कामकाज बंद हाे गया है। अब वह अपने वतन लौटना चाहते हैं। कारण उनके पास अब खाने-पीने की भी दिक्कत आ रही है। सोशल मीडिया पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं दुमका के सांसद सुनील सोरेन नेपाल में मजदूरों के फंसे होने की जानकारी दी गई है। साथ सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई गई है।
नेपाल के सिंदुपाल में बाराबी नगरपालिका क्षेत्र में मजदूर फंसे हुए है। वहां पर सभी मजदूर टावर के फाउंडेशन का काम करते हैं। मजदूर दुमका जिले के जामा, रामगढ़, सरैयाहाट एवं जरमुंडी के हैं। सोशल मीडिया पर नंबर आने के बाद दैनिक जागरण कार्यालय से मोबाइल नंबर 9880625734 पर संपर्क किया गया तो श्रवण कुमार ने कॉल रिसीव किया। उसने अपनी पीड़ा बयां की। कहा- सभी मजदूर तीन महीने पहले यहां आए थे। भारत में लॉक डाउन के बाद यहां भी काम बंद हो गया है। लॉक डाउन वाली स्थिति यहां भी है। गांव वाले भारतीय होने के कारण परहेज कर रहे हैं।
श्रवण ने बताया कि वे सभी लोग एक वीडियो बनाकर दुमका के अपने साथी को भेजे थे। दुमका के सामाजिक कार्यों में आगे रहने वाले सच्चिदानंद सोरेन ने उस वीडियो को मुख्यमंत्री के सोशल एकाउंट पर भेज दिया। सच्चिदानंद ने कहा कि उनलोगों के आने तक वहां उनको कोई परेशानी नहीं हो इसका प्रयास किया जा रहा है। उधर सांसद प्रतिनिधि मुन्ना सिंह ने कहा कि सूचना मिलने पर सांसद ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है। कुछ अधिकारी से बात हुई है। श्रवण के साथ नारायण दास, सुशील ठाकुर, श्रवण दास सभी रामगढ़ के सिमरा गांव के हैं। घुरन राय एवं अर्जुन पूजहर जामा के रांगाबांध के हैं। इसी तरह पचास मजदूर वहां फंसे हैं। वह किसी तरह आना चाहते हैं। उनके पास अब मोबाइल रिचार्ज कराने का भी संकट हो रहा है। खाने-पीने की भी मुसीबत हो रही है।