Jharkhand : 5 सुरक्षाकर्मियों की हत्या में शामिल इनामी महिला नक्सली गिरफ्तार, 15 लाख का इनामी पति भागने में सफल रहा
5 सुरक्षाकर्मियों की हत्या एवं पारसनाथ पहाड़ पर पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल इनामी महिला नक्सली सुनीता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसका पति संतोष मौके से फरार हो गया।
धनबाद, जेएनएन। गिरिडीह-डुमरी सड़क मार्ग पर विस्फोट कर निजी सुरक्षा एजेंसी एसआइएस के पांच सुरक्षाकर्मियों की हत्या एवं पारसनाथ पहाड़ पर पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल दो लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली सुनीता उर्फ कौशल्या उर्फ रमा को गिरिडीह जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। सुनीता को पुलिस ने उसके ससुराल खुखरा थाना अंतर्गत गम्हरा से गुरुवार की रात गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, मौके पर से उसके पति एवं 15 लाख रुपये का इनामी तथा प्रतिबंधित भाकपा माओवादी रीजनल कमेटी सदस्य संजय महतो उर्फ संतोष महतो उर्फ वासुदेव महतो उर्फ बासुको महतो भागने में सफल रहा।
गिरफ्तार महिला नक्सली सुनीता भाकपा माओवादी एरिया कमेटी की सदस्य है। वह बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के चेतखरना गांव की रहने वाली है। एसपी अमित रेणु एवं एएसपी अभियान दीपक कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। एसपी एवं एएसपी ने दोपहर को पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता कर महिला नक्सली की गिरफ्तारी की जानकारी मीडिया को दी है। एसपी को यह सूचना मिली थी कि सुनीता गम्हरा जंगल में कुछ नक्सलियों के साथ बैठक कर किसी बड़ी नक्सली घटना को अंजाम देने की तैयारी में है। इस सूचना के बाद पुलिस एवं सीआरपीएफ की एक विशेष संयुक्त टीम बनाई गई। गम्हरा जंगल में घेराबंदी कर सनीता को महिला पुलिसकर्मियों ने दबोच लिया।
पूछताछ में सुनीता ने पुलिस को बताया कि उसका कार्य क्षेत्र पारसनाथ एवं बोकारो जिले का झुमरा एवं कसमार इलाका है। उसके खिलाफ गिरिडीह जिले में चार एवं बोकारो जिले में नौ मामले दर्ज है। पुलिस इन 13 मामलों में उसकी तलाश कर रही थी। नक्सलियों ने 2010 में गिरिडीह-डुमरी मार्ग पर पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पुरनानगर से करीब एक किमी एक पुलिया को बारूदी सुरंग लगाकर विस्फोट कर दिया था। इस विस्फोट में एसआइएस के पांच सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। पुलिस जीप समझकर नक्सलियों ने सुरक्षा एजेंसी के वाहन को उड़ा दिया था। इस हिंसा में सुनीता शामिल थीं। इसके अलावा पुलिस मुखबिर बताकर नक्सलियों ने कई ग्रामीणों की हत्या की थी जिसमें सुनीता भी शामिल थी।
साल 2008 में मधुबन थाना अंतर्गत पारसनाथ पहाड़ पर पुलिस एवं नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी जिसमें वह शामिल थी। एसपी ने बताया कि सुनीता के खिलाफ गिरिडीह जिले के निमियाघाट थाना में 2008 एवं 2018 में हत्या व विस्फोटक अधिनियम के तहत मधुबन थाना में 2008 एवं पीरटांड़ थाना में 2010 में हत्या व विस्फोटक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज है। वहीं बोकारो जिले में उसके खिलाफ गोमिया थाना में दो, महुआटांड़ थाना में छह एवं पेटरवार थाना में एक मामला दर्ज है। एसपी अमित रेणु ने सुनीता की गिरफ्तारी को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि उसकी गिरफ्तारी से नक्सलियों को गिरिडीह, बोकारो एवं धनबाद जिले में बड़ा झटका लगा है।