Tablighi Jamaat: झारखंड के शहर-शहर विदेशी धर्म प्रचारक, रांची में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हर जगह खौफ
कोरोना वायरस के मद्देनजर धनबाद जिले के गोविंदपुर प्रखंड में पिछले दिनों इंडोनेशिया के दस नागरिकों और मुंबई के रहने वाले दो लोगों को पकड़ा गया। ये सभी मस्जिद में क्वारंटाइन पर हैं।
धनबाद/ बोकारो, जेएनएन। झारखंड के धनबाद, बोकारो और रांची हर बड़े शहरों में इस समय विदेशी तब्लीगी जमात के लोग माैजूद हैं। दिल्ली के निजामुद्दी में तब्लीगी मरकज में Coronavirus के बड़े पैमान पर फैलाव और रांची के हिंदीपीढ़ी इलाके में कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद हर जगह दहशत घर कर गया है। सबसे ज्यादा दहशत झारखंड में माैजूद विदेशी तब्लीगी जमात को लेकर है। ये जहां-जहां माैजूद हैं वहां लोग सहम गए हैं। पुलिस-प्रशासन ने भी नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। धनबाद में तब्लीगी जमात में शामिल दस इंडोनेशिया के नागरिक हैं। इन्हें गोविंदपुर प्रखंड के आसनबनी पंचायत की मस्जिद में क्वारंटाईन कर दिया गया है।
मस्जिद में इंडोनेशिया के नागरिक, पासपोर्ट-वीजा मुखिया के हवाले
कोरोना वायरस के मद्देनजर धनबाद जिले के गोविंदपुर प्रखंड में पिछले दिनों इंडोनेशिया के दस नागरिकों और मुंबई के रहने वाले दो लोगों को पकड़ा गया था। पुलिस ने पासपोर्ट-वीजा जब्त कर जांच की। सही पाए जाने के बाद आसनबनी पंचायत के मुखिया गयासुद्दीन अंसारी के हवाले कर दिया। साथ ही कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति सामान्य होने तक इन्हें आसनबनी मस्जिद में ही बने रहने का निर्देश दिया गया है। गोविंदपुर पुलिस ने इन लोगों की स्वास्थ्य जांच 23 मार्च को पीएमसीएच में कराई । हालांकि इनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं। फिर भी एहतियात के तौर पर इन्हे लुक डाउन समाप्त होने तक आसनबनी में ही रहने का निर्देश दिया गया है। इसके पूर्व यह लोग भीतिया गांव के मस्जिद में थे । यह लोग मुस्लिम जमात में यहां आए हैं। फिलहाल आसनबनी पंचायत के मुखिया गयासुद्दीन अंसारी की देखरेख में सभी लोग मस्जिद में रह रहे हैं। इनकी खाने पीने की व्यवस्था मुखिया के द्वारा किया गया है। दिल्ली और रांची का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने नए सिरे से जांच शुरू की है। हालांकि इस बाबत बोलने के लिए अभी कोई भी तैयार नहीं है।
पीएमसीएच में मंगलवार को 308 की स्क्रीनिंग, मलेशिया के नागरिक को लेकर हड़कंप
पीएमसीएच धनबाद में मंगलवार को कुल 308 लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई। इसमें एक व्यक्ति मलेशियन था। विदेशी व्यक्ति के आने पर पीएमसीएच में हड़कंप मच गया। पीएमसीएच की की टीम ने इंफ्रारेड थर्मामीटर से मलेशियन व्यक्ति की जांच की। बताया गया कि वह एक धार्मिक आयोजन में धनबाद आया हुआ है। जांच करने के बाद पीएमसीएच के डॉक्टर ने उसे होम करंटाइन की सलाह दी है। इसे लेकर सब लोग चिंतित हो उठे हैं। क्योंकि रांची में जो महिला पॉजिटिव मिली हैं वह भी मलेशिया की ही रहने वाली हैं। पीएमसीएच में अलग से मलेशियन व्यक्ति की जांच की गई। उसकी हिस्ट्री निकाली जा रही है। डॉ यूके ओझा ने बताया इसकी सूचना अधीक्षक को दी गई है।
तब्लीगी जमात में तीन लोग हुए थे शामिल, लिया गया सैंपल
कोरोना के संक्रमण में बड़ी भूमिका निभाने वाले दिल्ली निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात में बोकारो के तीन लोग भी शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि केन्द्रीय खुफिया विभाग की सूचना पर सोमवार की शाम दो लोगों को पकड़ा गया वहीं तीसरे की पहचान मंगलवार को हुई। तीनों के ब्लड सैंपल मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने लिया है। उसे जांच के लिए रांची भेज दिया गया। दो लोग चंदनकियारी तथा 1 चास प्रखंड के हैं। विदित हो कि 13 से 15 मार्च के बीच दिल्ली में तब्लीगी जमात का आयोजन किया गया था। उसमें तब्लीगी जमात के बोकारो के तीन प्रतिनिधि शामिल हुए थे। वहीं 22 फरवरी को दिल्ली से बोकारो आए 14 तब्बलीगी जमात के लोगों को भी होम क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। ये लोग 40 दिन के लिए बोकारो दौरे पर आए थे। इस बीच लॉक डाउन की घोषणा हो गई। इन पर प्रशासन की नजर है। ये सभी मौलवी हैं।
रांची में मामला आने के बाद सख्त हुआ प्रशासन
तीन लोगों के बारे में सूचना केन्द्रीय खुफिया ऐजेंसियों ने दिया था। हालांकि स्थानीय पता व पूरा ब्योरा तब्लीगी जमात के स्थानीय प्रतिनिधि ने प्रशासन को उपलब्ध कराया। अब प्रशासन जांच रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रहा है। संभावना है कि उन सारे लोगों का भी ब्लड टेस्ट किया जाएगा, जो कि दिल्ली व विदेश से आए है।
तब्लीगी जमात को जानिए
दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 से 15 मार्च के बीच तब्लीगी मरकज में शामिल छह लोगों की तेलंगामा में माैत के बाद हर कोई जानना चाहता है कि आखिर यह क्या है? तब्लीगी जमात की स्थापना को लेकर एक इतिहास है। इसकी स्थापना 1926-27 में हुई। कहा जाता है कि मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम कबूल कर लिया था। अंग्रेजी हुकूमत देश पर हुई तो आर्य समाज द्वारा फिर से उन लोगों को शुद्धिकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में प्रवेश कराने की शुरूआत की गई। इसी के मद्देनजर दूसरी तरफ माैलाना कांधवली ने मुसलमानों के बीच इस्लाम की शिक्षा देने के लिए तब्लीगी जमात की स्थापना की। उन्होंने निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद में कुथ लोगों के साथ तब्लीगी जमात का गठन किया। इसका उद्देश्य मुसमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करना था।