Earthquake: इस रीजन के बेसमेंट में हो रही हलचल... भविष्य के लिहाज से संकेत अच्छे नहीं
आइसएम के भूकंप विशेषज्ञ प्रो. पीके खान चाहते हैं कि रांची देवघर हजारीबाग गुमला चाईबासा जमशेदपुर गिरीडीह व मैथन में स्टेशन बनाया जाए। यहां भूकंप की स्थितियों पर अध्ययन होगा।
धनबाद, जेएनएन। 4.8 रिक्टर स्केल पैमाने पर बांकुड़ा में आए भूकंप की तीव्रता यदि प्वाइंट तीन या चार बढ़ जाती, तो बड़ा नुकसान हो सकता था। बिल्डिंगों में दरारें आ जातीं, माइंस को नुकसान हो जाता, पुराने पुल सहित कई बहुमंजिली इमारतों पर संकट के बादल मंडराने लगते। हालांकि उस रीजन के लिए भूकंप नया नहीं है। वहां 4.0 रिक्टर स्केल या उससे अधिक तीव्रता के साथ भूकंप आते रहते हैं। इसके पूर्व पिछले साल 28 अगस्त को इसी रीजन बर्दमान में 4.8 तीव्रता के साथ भूकंप आया था।
वैज्ञानिकों के अध्ययन से यह पता चल रहा है कि इस रीजन के बेसमेंट में हलचल हो रही है। शील्ड एरिया में इस तरह का हलचल कभी-कभार देखने को मिलती है। भविष्य के लिहाज से यह संकेत अच्छे नहीं है। इस में भूकंप को संवेदनशील मान इसका अध्ययन और शोध जरूरी है। आइआइटी आइएसएम के भूकंप विशेषज्ञ प्रो. पीके खान ने बताया कि भूकंप को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, पर झारखंड में इस पर न तो रिसर्च हो रहा है और न हीं इसके लिए उपकरण मौजूद हैं। प्रो. खान ने सुझाव देते हुए कहा कि ईस्टर्न रीजन शील्ड एरिया भूकंप के दृष्टिकोण से संवदेनशील माना जाता है, इसलिए यहां जो भी निर्माण कार्य हो वह साइंटिफिक अध्ययन करने के बाद ही किया जाए ताकि वह सुरक्षित रहे।
सरकारी विभागों को दे चुके हैं प्रस्तावः भूकंप की गंभीरता को देखते हुए आइआइटी आइएसएम के भूकंप विशेषज्ञ प्रो. पीके खान ने राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन, सीएमपीडीआई सहित कई अन्य संस्थानों को भूकंप के अध्ययन और शोध को लेकर चार बार प्रोजेक्ट दे चुके हैं, पर चारों बार सरकार सहित अन्य संस्थानों ने इसे रिजेक्ट कर दिया। रविवार को जब भूकंप का झटका लगा, तो सरकार के आपदा प्रबंधन ने तुरंत प्रो. खान से संपर्क कर प्रोजेक्ट को एक बार फिर से मांग दिया।
महज ढाई करोड़ के लिए रुका है प्रो. खान का प्रोजेक्टः आइआइटी आइसएम के भूकंप विशेषज्ञ प्रो. पीके खान ने आपदा प्रबंधन विभाग सहित अन्य संबंधित संस्थानों से प्रोजेक्ट के माध्यम से कहा था कि झारखंड में 8-10 स्टेशन बनाए जाएं, जिससे न केवल भूकंप की स्थितियों पर अध्ययन किया जा सके, बल्कि इस पर शोध भी किया जा सके। प्रो. खान के अनुसार सूबे के रांची, देवघर, हजारीबाग, गुमला, चाईबासा, जमशेदपुर, गिरीडीह, पाकुड़, जामताड़ा व मैथन में स्टेशन बनाया जाए। यहां से विशेषज्ञ भूकंप पर शोध व अध्ययन कर सकें। प्रो. खान ने बताया कि यदि झारखंड में 10 स्टेशन बनाया जाता है, तो इसके लिए महज दो से ढ़ाई करोड़ रुपये ही खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने पूरे राज्य में 10 स्टेशन बना भी लिया है।
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