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BJP के हाईवे राहत शिविर को लगा गुटबाजी का ग्रहण; सांसद ने जिलाध्यक्ष का लिया पक्ष, कहा-इंद्रजीत को रीति-नीति मालूम नहीं Dhanbad News

हाईवे रिलीफ टीम बनाने और कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर सिंदरी के विधायक इंद्रजीत महतो और भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह के बीच विवाद में धनबाद के सांसद पीएन सिंह भी आ गए हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 09:16 AM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 05:21 PM (IST)
BJP के हाईवे राहत शिविर को लगा गुटबाजी का ग्रहण; सांसद ने जिलाध्यक्ष का लिया पक्ष, कहा-इंद्रजीत को रीति-नीति मालूम नहीं Dhanbad News
BJP के हाईवे राहत शिविर को लगा गुटबाजी का ग्रहण; सांसद ने जिलाध्यक्ष का लिया पक्ष, कहा-इंद्रजीत को रीति-नीति मालूम नहीं Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन और कोरोना जैसे संकट के समय में मिलजुल कर गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने के बजाय धनबाद के भाजपाई आपस में ही लड़ रहे हैं। यह लड़ाई अब सार्वजनिक हो गई है। इस लड़ाई में छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं के बजाय सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष शामिल हैं। इससे भाजपा की किरकिरी हो रही है। हाईवे से गुजरने वाले प्रवासी मजदूरों की सेवा के लिए भाजपा ने जो हाईवे राहत शिविर जैसा बड़ा अभियान शुरू किया था उस पर धनबाद कोयलांचल में ग्रहण लग गया है। झारखंड में हाईवे रिलीफ टीम के प्रदेश संयोजक धनबाद के सांसद पशुपति नाथ सिंह हैं। 

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सांसद के पूर्व पीए हैं भाजपा जिलाध्यक्ष 

धनबाद जिले में हाईवे रिलीफ टीम बनाने और कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर सिंदरी के विधायक इंद्रजीत महतो और भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह के बीच विवाद के बाद धनबाद के सांसद पीएन सिंह सामने आए। उन्होंने सिंदरी विधायक महतो व जिलाध्यक्ष सिंह के बीच टकराव में जिलाध्यक्ष का पक्ष लिया है। जिलाध्यक्ष सांसद सिंह के पूर्व में निजी सचिव भी रह चुके हैं। जब सांसद झारखंड में मंत्री हुआ करते थे तब चंद्रशेखर उनके निजी सचिव थे। रविवार को भाजपा जिला कार्यालय पहुंचे सांसद ने कहा कि जिलाध्यक्ष से ऊपर प्रदेश अध्यक्ष होता है। विधायक को शिकायत थी तो प्रदेश अध्यक्ष से बात करनी चाहिए थी। वह घर का मामला प्रेस में ले गए। यह सरासर अनुशासनहीनता है। 

सांसद ने जोर देकर कहा कि विधायक को भाजपा की परिपाटी पर चलना होगा। लगता है कि उन्हें अभी पार्टी की रीति-नीति का पूरा परिचय नहीं हुआ है। यहां संगठन की प्रमुखता है। सांसद-विधायक को भी कोई कार्यक्रम करना हो तो संगठन से अनुमति लेनी पड़ती है। जनसंपर्क व व्यक्तिगत कार्यक्रम के लिए वे स्वतंत्र हैैं। जहां तक किसी मामले में उनसे राय नहीं लेने की बात है तो पार्टी सर्वानुमति से चलती है। उन्हें भी पार्टी के संपर्क में रहना चाहिए था जो वे नहीं रहे। जहां तक मुझे गार्जियन बनाने की बात है तो मामला जब पहले ही प्रेस में चला गया तो फिर इसका क्या मतलब रहा। पहले विरोध करना और फिर समर्थकों को दबाव डालने के लिए भेजना भी सही नहीं है। वहां जो बात हुई उस पर भी अमल नहीं किया गया।

विधायक का नहीं लगा फोन : चंद्रशेखर

जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह का इस मामले में कहना था कि बुधवार को गोविंदपुर में हाइवे रिलीफ केंद्र की शुरुआत की सूचना उनके पीए को सुबह नौ बजे दे दी गई थी। विधायक का स्विच ऑफ था। लिहाजा काफी प्रयास के बावजूद सूचना नहीं दी जा सकी। नंदलाल अग्रवाल, संजय सिंह और उनके पीए भी ट्राई करते रहे लेकिन सूचना नहीं हो सकी। वे तिल का ताड़ बना रहे हैैं। 

सांसद ने नहीं किया न्याय : इंद्रजीत

इधर विधायक इंद्रजीत महतो ने कहा कि हाइवे रिलीफ सेंटर व अन्य कार्यक्रमों में उन्हें दरकिनार किए जाने की शिकायत उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से भी की है। हम तो गार्जियन मानते हुए सांसद पीएन सिंह के पास गए थे। वे मामले का न्यायसंगत समाधान नहीं कर सके।

नंदलाल अग्रवाल से है आपत्ति

बताया जाता है कि रिलीफ केंद्र का संयोजक नंदलाल अग्रवाल को बनाया गया है। इसके लिए विधायक की राय नहीं ली गई जिससे उन्हें नाराजगी है। नंदलाल बड़े व्यवसायी हैैं और भाजपा में विस चुनाव से कुछ पहले आए हैैं। उन्होंने विस चुनाव के दौरान सिंदरी से टिकट की दावेदारी भी की थी। 


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