कापर करूं श्रृंगार पिया मोरा आन्हर... धनबाद से पहले एयरपोर्ट-एम्स छीना, अब साइकिल ट्रैक-फुट ओवरब्रिज छीनने की तैयारी
आठ लेन सड़क का डीपीआर तैयार करने के समय इस बात का ध्यान रखा गया था कि आखिर साइकिल ट्रैक क्यों जरूरी है। इसके लिए कंसलटेंट ने बकायदा ट्रैफिक सर्वे किया था। सर्वे के अनुसार प्रति दिन हजार साइकिल का प्रयोग सड़क पर किया जा रहा है।
धनबाद, जेएनएन। देशभर में कोयला राजधानी के नाम से मशहूर है धनबाद, लेकिन सुविधाएं देने के मामलों में सबसे अधिक उपेक्षा यहीं की हुई है। सरकार कोई भी रही हो, हमेशा ही धनबाद से कुछ न कुछ जरूर छीन लिया गया। चार जोड़ी ट्रेनें छिन गईं, धनबाद-चंद्रपुरा के बीच छह छोटे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन का ठहराव खत्म हो गया। आकाशवाणी स्टेशन, एयरपोर्ट, एम्स यह सब धनबाद आते-आते रह गया। सबसे अधिक राजस्व कोयलांचल से मिलता है, फिर भी धनबाद के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। धनबाद से सारी सुविधाएं छीन दूसरे जिलों को दी जा रही हैं। एम्स धनबाद से हटाकर देवघर में बना दिया। इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी देवघर में बन रहा है। यहां की ट्रेनें जसीडीह चली गईं। आकाशवाणी स्टेशन बंद हो गया। इतने से भी मन नहीं माना तो अब धनबाद में बन रही आठ लेन सड़क से साइिकल ट्रैक, फुट ओवरब्रिज और सर्विस लेन भी छीन लिया गया।
धनबाद में बन रहा था झारखंड का पहला 8 लेन रोड
8 लेन सड़क के डीपीआर में बताया गया है कि साइिकल ट्रैक और फुट ओवरब्रिज जरूरी क्यों है। सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए इसे बनाया गया था। इस सड़क के किनारे कई बड़े स्कूल धनबाद पब्लिक स्कूल हीरक ब्रांच, डॉ.जेकेएसएम मेमोरियल आइएसएल, सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल, डिनोबिली स्कूल भूली, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, सर्वमंगला पब्लिक स्कूल, माउंट लिटरा आदि प्रमुख स्कूल हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या हजारों में है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि फुट ओवरब्रिज कितना जरूरी है। धनबाद में बीसीसीएल, सिंफर, आइआइटी आइएसएम, डीजीएमएस, पीएमसीएच जैसे बड़े-बड़े संस्थान हैं, बावजूद धनबाद की उपेक्षा हो रही है।
इसलिए जरूरी साइकिल ट्रैक
आठ लेन सड़क का डीपीआर तैयार करने के समय इस बात का ध्यान रखा गया था कि आखिर साइकिल ट्रैक क्यों जरूरी है। इसके लिए कंसल्टेंट ने बकायदा ट्रैफिक सर्वे किया था। सर्वे के अनुसार प्रति दिन एक हजार साइकिल का प्रयाेग इस 20 किमी की सड़क पर किया जा रहा है। अलग-अलग दिन में यह संख्या घटती-बढ़ती रहती है। इस तरह औसतन प्रतिदिन 600 से 1300 साइकिल सड़क पर चल रही हैं। इनमें से लगभग 25 फीसद (150 से 300) साइिकल पीक ऑवर यानी सुबह नौ से दस बजे तक सिटी सेंटर से कांको मठ मोड़ तक सड़क का उपयोग कर रहे हैं। साइकिल की ध्यान में रखते हुए और मानक के अनुरूप दो मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक
बनाया गया है।
फुट ओवरब्रिज इसलिए जरूरी
जिले में हर साल 250 से अधिक घातक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। दुर्घटना की जद में आने वालों में पैदल चलने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है। देश में यातायात के हर दस मामलों में एक पैदल व्यक्ति शामिल होता है। सड़क को सीधे पार करने के दौरान हर दूसरा पैदल व्यक्ति हादसे का शिकार होता है। इन सब वजहों को देखते हुए आठ लेन सड़क के डीपीआर में पशुओं के लिए पांच अंडर पास और दो फुट ओवरब्रिज का प्रावधान किया गया है। इसका भी तर्क दिया है कि इस सड़क में पशुओं का आवागमन भी लोगों से कम नहीं है। इसलिए पांच अंडरपास बनाया गया है। इसके अलावा एक फुट ओवरब्रिज स्कूल के पास और एक घनी बस्ती के पास बनाने का प्रावधान किया गया है। यहां सड़क पार करते समय दुर्घटना अधिक होने की संभावना है। सड़क सुरक्षा नियमों के तहत इन चीजों का होना जरूरी है।
एक-एक सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस सड़क का प्लान किया गया है। सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा गया है। सोच-विचार, सर्वे और कई लोगों से मंतव्य के बाद ही साइकिल ट्रैक, फुट ओवरब्रिज और सर्विस लेन को प्लान में शामिल किया गया है। अचानक इसमें कटौती करने का निर्णय लिया जाना समझ से परे। इन चीजों को खत्म करने से सड़क के इमेज को धक्का पहुंचेगा। अगले 20 वर्षों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
- चंद्रशेखर अग्रवाल, पूर्व मेयर, धनबाद नगर निगम।
जनहित की योजनाओं को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। योजनाएं सरकार को देखकर नहीं जनहित को देख कर तय की जाती हैं। हेमंत सरकार को केंद्र सरकार से सीखना चाहिए। हमारी सरकार यूपीए के कई कामों को पूरा करवा रही है। श्रीनगर रेल लाइन हो या रायबरेली की फैक्ट्री सभी को मोदी सरकार पूरा करवा रही है। आठ लेन सड़क धनबाद की जरूरत थी। बनना चाहिए।
-पीएन सिंह, सांसद, धनबाद।