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फेसबुक पॉलिटिक्स : टिकट की दावेदारी को जमकर हुआ पैसे का खेल, सोशल मीडिया पर सरेआम चर्चा Dhanbad News

भाजपा प्रदेश चुनाव समिति ने सभी मंडल अध्यक्षों को तीन-तीन नामों की अनुशंसा करने को कहा था लेकिन नामों की अनुशंसा करने के नाम पर पार्टी पदाधिकारियों ने जमकर वसूल की।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 12:42 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 12:42 PM (IST)
फेसबुक पॉलिटिक्स : टिकट की दावेदारी को जमकर हुआ पैसे का खेल, सोशल मीडिया पर सरेआम चर्चा Dhanbad News
फेसबुक पॉलिटिक्स : टिकट की दावेदारी को जमकर हुआ पैसे का खेल, सोशल मीडिया पर सरेआम चर्चा Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। भाजपा में पार्टी विद डिफरेंस की अवधारणा अब खत्म हो चली है। भाजपा कार्यकर्ता भी हर काम का दाम लेने में अन्य दलों के कार्यकर्ताओं से होड़ ले रहे हैं। ताजा खबर है कि अभ्यर्थियों के नाम की अनुशंसा करने के नाम पर पार्टी पदाधिकारियों ने जमकर वसूली की है। दावेदारों की बढ़ी संख्या ने उनकी दीवाली और रंगीन कर दी है।

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पार्टी की परिपाटी के अनुसार, सभी मंडल अध्यक्षों को प्रदेश चुनाव समिति को तीन-तीन नामों की अनुशंसा करनी थी। अब इन तीन नामों में अपना नाम शुमार कराने के लिए दावेदारों ने मंडल अध्यक्षों की खुशामद शुरू कर दी। किसी ने 25 हजार रुपये तो किसी ने 15 और किसी ने 10-10 हजार रुपये पहुंचाए। पार्टी से जो चुनाव खर्च मिला सो अलग। इस पर एक पुराने कार्यकर्ता ने तो खुलेआम कमेंट किया, "मंडल अध्यक्षों पर पकड़ के लिए माया की जरूरत है।"

पैसे का खेल कुछ इस कदर हुआ कि खुलेआम दावेदारी कर रहे जिलाध्यक्ष तक का नाम किसी ने नहीं भेजा। चर्चा यह भी है कि इस पूरे प्रकरण में सिर्फ मंडल अध्यक्ष ही लाभान्वित हुए। अन्य कार्यकर्ताओं को मायूसी ही हाथ लगी। ऐसे में उनमें खुसर-फुसर शुरू हो गई। बात सोशल मीडिया में भी आई और सियासत के अंधेरे का राज दिन के उजाले में सरेआम हो गई।


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