अपनी आंख अपने पास ही रखो, अभी OT की हो रही मरम्मत Dhanbad News
पीएमसीएच के नेत्र रोग विभाग में एक माह से ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में सिविल वर्क हो रहा है जिससे कई जरूरी ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं।
धनबाद, मोहन गोप। नेत्रदान को लेकर सरकार व संस्थाएं लोगों को जागरूक कर रही हैं, लोग भी जागरूक हो रहे हैं, पर सरकारी अव्यवस्था के कारण सपना पूरा नहीं हो रहा है। 25 मई को हीरापुर के एचइ स्कूल रोड निवासी नंदारानी मुखर्जी (83) ने मरणोपरांत नेत्रदान किया था, पर पीएमसीएच में इन छह दिनों तक आइ ट्रांसप्लांट नहीं हो पाया। कार्निया खराब होने की आशंका को देखते हुए पीएमसीएच प्रबंधन ने इसे रांची भेज दिया। दरअसल, पीएमसीएच के नेत्र रोग विभाग में एक माह से ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में सिविल वर्क हो रहा है, जिससे कई जरूरी ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं। इस कारण नंदारानी मुखर्जी का यहां आइ ट्रांसप्लांट भी नहीं हो पाया है।
समधन ने भी किया था देहदान, नहीं हो पाया था नेत्रदानः 11 जनवरी 2018 में नंदारानी की समधन शेफाली दत्ता ने देह दान किया था। इससे पूर्व परिजन नेत्रदान के लिए राजी हुए थे, पीएमसीएच के आइ बैंक को सूचना दी गयी थी, लेकिन आइ बैंक में कार्निया को सुरक्षित रहने वाले कार्नियोल केमिकल नहीं था। इस कारण देहदान का सपना तो पूरी हुआ था, पर नेत्रदान का सपना अधूरा रह गया था। अब ओटी के मरम्मत के कारण कार्निया रांची भेजा जा रहा है।
दूसरे की आंखों से दुनिया देखने की लालसा अधूरीः 25 मई को निधन के बाद नंदारानी के परिजनों की सहमति से पीएमसीएच के डॉक्टरों को नेत्रदान कराया गया था। नंदारानी की अंतिम इच्छा थी कि मरने के बाद भी वह किसी के आंखों से दुनिया देख सकेगी। किसी जरूरतमंद को आंखें मिलेगी, लेकिन अभी तक उनकी अंतिम अच्छा अधूरी है।
अस्पताल में चल रहा मरम्मत कार्यः पीएमसीएच में लगभग 11 करोड़ रुपये की लागत से लगभग एक दर्जन विभिन्न मरम्मत कार्य तीन माह से चल रहा है। भवन निर्माण विभाग इसकी मरम्मत करा रहा है, लेकिन यह मरम्मत काफी धीमी गति से चल रहा है।
मरम्मत काफी धीमा होने से नेत्र, इएनटी सहित कई ओटी बाधित हो रहे हैं। इन्हीं सभी कारणों को देखते हुए कार्निया को रिम्स भेजा गया है।
- डॉ एचके सिंह, अधीक्षक, पीएमसीएच