जानें-भाजपा सरकार की योजनाओं को किस नजरिए से देखते हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य विभाग बीमार है। गांवों में डाक्टर, नर्स एवं एएनएम नहीं रहते। स्वास्थ्य मंत्री इतना मोटा हो रहे हैं कि उनका पेट फट जाएगा।
By mritunjayEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 01:46 PM (IST)
v style="text-align: justify;">धनबाद, अश्विनी रघुवंशी। लोकसभा चुनाव के लिए कभी भी आदर्श आचार संहिता लग सकती है। हेमंत सोरेन को इसका आभास है। भाजपा को जिन योजनाओं पर नाज है, हेमंत सोरेन ने उनकी बखिया उखेड़ी। एक एक कर भाजपा द्वारा बहुप्रचारित योजनाओं का जिक्र किया और लोगों को समझाने की कोशिश की कि उसके पीछे का खेल क्या है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के संदर्भ में हेमंत सोरेन बोले कि मित्रों के दोस्तों की गैस सिलेंडर की कंपनी है। गैस सिलेंडर को बेचने के लिए उज्जवला योजना लाई गई। हेमंत बोले कि नुकसान और भी है। बीपीएल सूची से उन लोगों का नाम कट जाएगा जिनके घर में गैस सिलेंडर है। भाजपा की साहूकार सरकार उज्जवला योजना में गैस सिलेंडर देने के बाद बीपीएल सूची से नाम काट देगी। बीपीएल सूची से नाम कट जाएगा तो न सस्ता राशन मिलेगा, न पेंशन और न इलाज होगा। सोरेन धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में झामुमो के 47 वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री इतना मोटा रहे हैं कि उनका पेट फट जाएगाः हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य विभाग बीमार है। गांवों में डाक्टर, नर्स एवं एएनएम नहीं रहते। स्वास्थ्य मंत्री इतना मोटा हो रहे हैं कि चार पांच साल में उनका पेट फट जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री का मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेज हरेक साल खुल रहा है। नया सरकारी मेडिकल कॉलेज बन नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत में ऐसे नर्सिंग होम में भेज रहे हैं जहां इलाज होगा ही नहीं। बड़ा गोलमाल है।
जेपीएससी से मंत्री-विधायकों के लोगों को मिलेगी नौकरीः हेमंत सोरेन ने कहा कि जेपीएससी से साढ़े 3 सौ पद के लिए परीक्षा हुई। 27 हजार लोग शामिल हुए। जो फार्म नहीं भरे थे, जो पीटी में फेल थे, उन्हें भी परीक्षा देने का मौका दिया गया। पक्की सूचना है कि 50 फीसदी ऐसे लोगों को नौकरी मिलेगी जो बड़े अफसर, मंत्री एवंं विधायकों के लोग हैं। इसमें करोड़ों रुपए लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सीएम बनने के बाद रघुवर दास ने घोषणा की थी कि छह माह में कोई पद खाली नहीं रहेगा। पद खाली हैं।
हरेक माह 500 देने पर किसान को असली जहर भी नहीं मिलेगाः हेमंत सोरेन ने कहा कि किसानों को सालाना 6000 रुपए देने की बात है। मतलब माह में 500 रुपए। इतने रुपए में किसान को असली जहर भी नहीं मिलेगा कि खाकर मर सके। उन्होंने कहा कि वायदा किया था कि फसल की दोगुनी कीमत दिलाएंगे, मिïट्टी की जांच कराने के बाद ऐसी फसल लगाने में मदद की जाएगी कि किसानों को किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना होगा। गुजरात मॉडल बता रहे थे। 5 साल में कुछ नहीं कर सके तो चुनाव के पहले 500 टका पकड़ाने की बात बोल गुमराह कर रहे हैं।
हेमंत ने सवाल किया कि बिजली आती है, जवाब मिला नहींः हेमंत सोरेन बोले कि सीएम रघुवर दास बोले थे कि दिसंबर 2018 तक घर घर जीरो कट बिजली नहीं मिली तो चुनाव में जनता से वोट मांगने नहीं जाएंगे। मोदी के अंदाज में उन्होंने सवाल किया कि बिजली आती है? जन समूह चिल्लाया, नहीं। हेमंत सोरेन बोले कि अब सीएम लोकसभा चुनाव में वोट मांगने आएंगे तो उनसे यह बात जरूर कहना। मोदी सरकार बोल रही है कि हरेक गांव में बिजली आ गई। जनता जान रही है कि यह झूठ है।
12 हजार का शौचालय 6 हजार बना जिसमें रखा जाता गोयठाः हेमंत सोरेन ने कहा कि गांवों में 12 हजार का शौचालय बना दिया गया जो डब्बा की तरह है। यह गोयठा रखने के काम आ रहा है या लकड़ी। आम लोगों से पूछे कि यह बात सही है या नहीं। भीड़ बोले कि शौचालय किसी काम का नहीं। हेमंत ने कहा कि रघुवर दास ने सीएम बनने के बाद गांव गांव में डोभा बनवा बड़ा घोटाला किया। डोभा ऐसा बनाया गया जो किसी काम का नहीं है। इतना खतरनाक डोभा बना है कि उसमें बच्चे से लेकर गोरू मर रहे हैं। भारत से लेकर झारखंड सरकार की योजना में ढोंग है।
जमीन की सरकारी दर नहीं बढ़ाई ताकि कम मुआवजा देना पड़ेः हेमंत सोरेन ने कहा कि गुजरात के लोगों के व्यापारी मित्रों की झारखंड पर नजर है। दिल्ली से लेकर रांची की सरकार बोलती है कि भूमि अधिग्र्रहण में रैयतों का ख्याल रखा जाएगा। यहां दो साल से जमीन की सरकारी दर नहीं बढ़ाई जा रही है। मित्रों के व्यापारी दोस्तों को आदिवासी मूलवासी की जमीन देनी है। सरकारी दर कम होने से मुआवजा की कम राशि देनी होगी। इसलिए यह सरकार जमीन की कीमत नहीं बढ़ा रही है। हेमंत ने कहा कि रांची शहर के भीतर उद्योग लगाने के लिए सरकारी व्यापारी को जमीन दे रही है और जंगल के भीतर कॉलेज बना रही है। साहूकार है तो यही करेंगे।
मिड डे मिल में मिलने वाले बच्चों का अंडा खा गए सीएमः हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकारी सर्वे के मुताबिक झारखंड के 70 फीसदी बच्चे कुपोषित है। उनके लिए मिड डे मिल के तहत सप्ताह में तीन दिन बच्चों को अंडा देना तय किया गया था। अचानक सरकार ने एक दिन अंडा देना बंद करा दिया। बच्चों का अंडा मुख्यमंत्री खा गए। उन्होंने कहा कि सबको शिक्षा के लिए सरकार सुदूर इलाके में सरकारी स्कूल खोलती है ताकि कोई बच्चा निरक्षर नहीं रहे। इस सरकार ने गांवों में हजारों स्कूलों को बंद करा दिया है। महिलाएं जवाब देंगी।
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