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Ex Bccl Officer Daughter Misdeed Case: कुकर्मी को डीजीपी से संबंधों का झांसा भी नहीं आया काम, जानिए पुलिस के जाल में कैसे फंसा बादल

Ex Bccl Officer Daughter Misdeed Case 21 सितंबर को दुष्कर्म अपहरण और रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से बादल गौतम धनबाद से फरार हो गया था। फरारी के क्रम में ही वह पुलिस अधिकारियों को डाक से पत्र भेजकर अपने बेगुनाह होने की दलील दे रहा था।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 06:38 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 06:38 AM (IST)
Ex Bccl Officer Daughter Misdeed Case: कुकर्मी को डीजीपी से संबंधों का झांसा भी नहीं आया काम, जानिए पुलिस के जाल में कैसे फंसा बादल
जेल जाते समय मुंह छिपाता बीसीसीएल के पूर्व अधिकारी की बेटी से दुष्कर्म का आरोपित बादल गाैतम।

धनबाद, जेएनएन। Ex Bccl Officer Daughter Misdeed Case अपराधी कितना भी ताकतवर हो जब कानून के हाथ उसकी तरफ बढ़ते हैं तो वह बच नहीं पाता। बीसीसीएल के पूर्व डीटी की बेटी के साथ कुकर्म करने वाले बादल गाैतम के साथ भी यही हुआ है। झारखंड के पुलिस महानिदेशक के साथ कथित संबंधों का हवाला दे बादल ने बचने और केस को प्रभावित करने की पुरजोर कोशिश की। लेकिन बच नहीं पाया। आखिर दो महीने तक चले चूहे-बिल्ली का खेल के बाद पुलिस ने बादल को नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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21 सिंतबर को दुष्कर्म की प्राथमिकी के बाद से बादल भूमिगत था 

21 सितंबर को दुष्कर्म, अपहरण और रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से बादल गौतम धनबाद से फरार हो गया था। फरारी के क्रम में ही वह धनबाद से लेकर रांची  तक के पुलिस अधिकारियों को डाक से पत्र भेजकर अपने बेगुनाह होने की दलील दे रहा था। उसने अपनी और परिवार  के लोगों की जान पर खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगायी थी। फरारी के दौरान बादल गौतम ने अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर रखा था। इस कारण वह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पा रहा था। धनबाद पुलिस की मानें तो इस दौरान बादल गौतम की ओर से नए मोबाइल नंबर का उपयोग करने की जानकारी मिली थी। यह नंबर बादल ने अपने भाई के नाम पर ले रखा था। इस नए नंबर को पुलिस की टेक्निकल टीम सर्च कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को उसके हैदराबाद में होने की जानकारी मिली। यह भी सूचना मिली की वह दानापुर जाने वाला है। पुलिस की टेक्निकल टीम यह भी पता लगाने में कामयाब रही कि वह ङ्क्षसकदराबाद- दानापुर स्पेशल ट्रेन की कोच संख्या बी 11 के सीट नंबर 19 पर सफर कर रहा है। इसी सूचना पर उसे दीनदयाल उपाध्याय नगर स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया। 

10 दिनों से था हैदराबाद में

धनबाद की पुलिस को बादल गौतम के हैदराबाद में होने की सूचना मिली थी। इसी सूचना पर पुलिस की एक टीम हैदराबाद पहुंची थी। पुलिस उस होटल पहुंची जहां बादल गौतम रह रहा था। पुलिस के वहां पहुंचने पर जानकारी मिली कि बादल वहां से दानापुर के लिए निकल गया है। बादल ने वहीं एक लोकल नंबर अपने भाई के नाम से ले रखा था जो होटल के रजिस्टर में दर्ज था। पुलिस ने तत्काल इस नंबर को सर्विलांस पर डाला तो उसके ङ्क्षसकदराबाद में होने की सूचना मिली। जब पुलिस ङ्क्षसकदराबाद स्टेशन पहुंची तो वहां बादल नहीं मिला। पुलिस ने तत्काल रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम यानी पीआरएस कार्यालय जाकर दानापुर जाने वाली ट्रेनों की आरक्षण सूची खंगाली। इसमें पता चला कि बादल गौतम और कुमारी पूर्वी नामक दो पैसेंजर एक ही पीएनआर पर ङ्क्षसकदराबाद-दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन से सफर कर रहे हैं। कुमारी पूर्वी बादल गौतम की मंगेतर बताई जाती है। पीडि़ता ने उस पर भी आरोप लगाए  हैं। पुलिस ने इसकी सूचना धनबाद पुलिस और आरपीएफ मुगलसराय को दी। इसी सूचना पर बादल गौतम और कुमारी पूर्वी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। धनबाद पहुंचने के बाद कुमारी पूर्वी को बांड पर उसके परिवार वालों के हवाले कर दिया गया। 

चार थानों में रखकर हुई पूछताछ

धनबाद लाए जाने के बाद सबसे पहले राजगंज थाना में बादल गौतम को रखा गया। वहां एसएसपी असीम विक्रांत ङ्क्षमज ने खुद उससे पूछताछ की। घंटे भर चली पूछताछ में घटना को लेकर जानकारी ली गई। राजगंज के बाद उसे गोङ्क्षवदपुर थाना और फिर यहां से बैंक मोड़ थाना लाया गया। जेल भेजने से पहले उसे धनबाद थाना भी लेकर पुलिस पहुंची थी।

बादल गौतम और पीडि़ता से हुई पूछताछ

धनबाद पुलिस बाद गौतम को शनिवार की सुबह लेकर धनबाद पहुंची थी। उसे बैंक मोड़ थाना में रखा गया। वहां एएसपी विधि व्यवस्था मनोज स्वर्गीयारी समेत अन्य अधिकारियों ने पूछताछ किया। इस दौरान पीडि़ता को भी थाना बुलाया गया था। दोंनों को आमने-सामने रख कर पूछताछ की गई। बताया जाता है कि यहां भी पीडि़ता ने दुष्कर्म करने, अपहरण और रंगदारी का आरोप लगाया। जबकि बादल गौतम ने सभी आरोपों से इन्कार किया। इसके बाद बादल को पुलिस ने धनबाद कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। 

डीजीपी के साथ अपना फोटा दिखा देता था पुलिस को झांसा 

बादल गाैतम सत्ता और पुलिस के शीर्ष पर बैठे नेता-अधिकारियों से संबंधों का हलावा देकर धनबाद पुलिस को भरमाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस दबाव में नहीं आई। दरअसल, झारखंड के डीजीपी के साथ अपना फोटा दिखाता था। फोटो को सोशल मीडिया में अपलोड कर रखा है। झारखंड के कई प्रमुख नेताओं के साथ ही उसकी तस्वीर है। शातिर बादल माैता देखकर नेताओं और पुलिस पदाधिकारियों के साथ फोटो खिंचवा लेता है। फिर इसका गलत इस्तेमाल करता है।


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