एसीसी कारखाना से कार्यमुक्त किए गए कर्मी की इलाज के अभाव में मौत
एसीसी सिंदरी से कार्यमुक्त किए गए मजदूरों में एक सुंदर मल्लिक की मौत इलाज के अभाव में हो गई। वे लकवा से पीडित थे।
By Edited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 08:36 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 08:41 PM (IST)
संस, ¨सदरी : एसीसी ¨सदरी सीमेंट कारखाना प्रबंधन की ओर से जबरन कार्यमुक्त किए गए 48 वर्षीय सुंदर मल्लिक की मौत इलाज के अभाव में रविवार की शाम को कालीपुर के मल्लिक टोला में हो गई। वह चार साल से लकवा से पीड़ित था। पैसे के अभाव में पिछले एक साल से वह अपना इलाज भी नहीं करा पा रहा था। सुंदर की मौत के बाद पत्नी चपला देवी के अलावा दो बेटियां और एक बेटा रो रोकर बेहाल हैं। जानकारी हो कि एसीसी सीमेंट कारखाना प्रबंधन ने मजदूर के पद पर कार्यरत 49 मजदूरों में से 34 मजदूरों को 2003 में स्थाई कर दिया था। साथ ही 15 मजदूरों को बिना वजह कार्यमुक्त कर दिया था। इनमें सुंदर भी थे। कार्यमुक्त किए गए मजदूरों पर आरोप था कि वे सभी दिवंगत विधायक सूर्यदेव ¨सह के जनता मजदूर संघ से संबद्ध हैं। एसीसी सीमेंट कारखाना के मान्यता प्राप्त श्रमिक संघ के विरोध में सक्रिय थे। कार्यमुक्त मजदूरों ने जबरन सेवा मुक्ति के खिलाफ श्रम न्यायालय धनबाद की शरण ली। श्रम न्यायालय धनबाद ने 2010 में सभी मजदूरों की सेवामुक्ति को अवैध मानते हुए सीमेंट कारखाना प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह सेवा मुक्ति की अवधि तक का समूचा वेतन भुगतान करते हुए इन्हें काम पर वापस लें। प्रबंधन ने श्रम न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की। उच्च न्यायालय ने भी वेतन भुगतान के श्रम न्यायालय के फैसले को सही ठहराया। परंतु पुनबर्हाली के मामले में सुनवाई जारी रखी। कारखाना प्रबंधन न्यायालय के निर्णय के आलोक में सेवामुक्त मजदूरों को 2003 में निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान शुरू किया। जमसं के संगठन सचिव रवींद्र ¨सह ने एसीसी सीमेंट कारखाना प्रबंधन से अपील की है कि मानवता के नाते वह बचे हुए मजदूरों के हक में निर्णय ले।
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