Move to Jagran APP

Weekly News Roundup Dhanbad: एना के आइना में सब देख रहे अपना मुंह, कोयले से कितना काला

माइनिंग बाबू धनबाद धमकते इससे पहले उन्हें किसी ने धमका दिया। हम रूलिंग विधायक है। ध्यान रखिएगा। बाबू को बुरा लगा। बोले पिछले 5 साल में ऐसा नहीं दिखा। किसी की बर्दाश्त नहीं करेंगे।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 01:24 PM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: एना के आइना में सब देख रहे अपना मुंह, कोयले से कितना काला
Weekly News Roundup Dhanbad: एना के आइना में सब देख रहे अपना मुंह, कोयले से कितना काला

धनबाद [ रोहित कर्ण ]। साहब को शिकायत थी कि पुलिस साथ नहीं देती। कोयला चोरी रोकने में न रंगदारों की नकेल कसने में। वह करें तो क्या करें। सीआइएसफ  कितना कुछ संभाले।  लॉ एंड ऑर्डर पुलिस के हाथ है। उन्होंने कहा भी था कि हमने कई बार पत्राचार किया पर पुलिस सुनती ही नहीं। कप्तान साहब को यह बात नागवार गुजरी। उन्होंने इसका हिसाब भी लिया और ऐसा लिया कि साहब को बोलते नहीं बन रहा है। एना कोलियरी मामले में कप्तान ने साहब को आइना दिखा दिया। बता दिया कि अपने पतीले में छेद हो तो चलनी की शिकायत न करें। घेर लिया इलाके को। जीएम की फजीहत की। अब कोयला लोडिंग बेरोकटोक जारी है। हालांकि यह व्यवस्था कब तक चलेगी कहना कठिन है। पर इस घटना ने बता दिया कि प्रबंधन और पुलिस न चाहे तो कोई भी रंगदार कोलियरी तक फटक ही नहीं सकता।

loksabha election banner

यहां आसमान से झड़ता बालू

माइनिंग बाबू धनबाद धमकते इससे पहले उन्हें किसी ने धमका दिया। हम रूलिंग विधायक है। ध्यान रखिएगा। बाबू को बुरा लगा। बोले, पिछले 5 साल में ऐसा नहीं दिखा। किसी की बर्दाश्त नहीं करेंगे। कोई पैरवी पैकारी नहीं। बाबू के आए अब कई महीने हो चुके हैं। विभाग दो नंबर क्या 20 नंबर पर  है। 2 साल से घाटों की बंदोबस्ती नहीं हुई। और बालू का कारोबार दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है। 2 साल पहले स्टॉकिस्ट के पास जितना बालू था। आज भी उतना ही बना है। प्रतिदिन विभाग से चालान कट रहा है। सुबह होते ही सड़कें बालू गाडिय़ों से जाम हो जा रही है। और यह तब है जब बालू खनन पर रोक है। सिर्फ  तीन घाटों का लीज है। सवाल उठता है कि बालू आ कहां से रहा है। आसमान से झड़ रहा या कुछ और है। माइनिंग बाबू बताएंगे।

कोरोना को कहो ना

बीसीसीएल मुख्यालय के अधिकारी तब पसोपेश में पड़ गए, जब उन्हें कोल इंडिया का पत्र मिला। पत्र में कोरोना के खतरे को देखते हुए बायोमेट्रिक हाजिरी से मना किया गया था। बुधवार को मिले इस पत्र से अधिकारी चिंतित हो गए। वजह हर पखवाड़े अटेंडेंस के आधार पर ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था थी। यदि वह तत्काल इसे लागू करते हैं तो इतने बड़े संस्थान में मैनुअल अटेंडेंस और फि र मैनुअल पेमेंट दोनों ही बड़ा झंझट है। लेकिन सरकार का आदेश है तो है। इंकार कौन करे और फि र यहां नौकरी ही नहीं जान का भी सवाल है। अधिकारी आखिर क्या करें। वह निर्देश लागू करें तो भुगतान में व्यवधान होना तय है। ऐसे में 15 तक किसी न किसी तरह न कहने में ही भलाई समझ रहे। उम्मीद की जा रही है। इसे लागू करने में प्रक्रियाओं के बहाने 15 तारीख गुजार दी जाएगी।

अब यहां भी चाहिए वेतन वृद्धि

कानून का डंडा चलते ही व्यवस्था में बदलाव दिखने लगा। जिस कांटा पहाड़ी कोल डंप से शेर बहादुर के डीओ में तीन बार कोयले का उठाव नहीं हो पाया था। विनायक भंडार फ र्म का भी यही हाल हुआ था। आज उसी डंप से शेर बहादुर के अलावा चंदेल के डीओ में कोयले का उठाव हो रहा है। किसी की दहशत है न लोडिंग में व्यवधान।  हालांकि, जमुनिया कोल डंप में तीन सौ टन व बेनीडीह में दो सौ टन डीओ भरा है। यहां कोयला का उठाव नहीं हो पाया है। क्योंकि यहां लोडिंग दर में वृद्धि हो चुकी है। केसरगढ़ व बेनीडीह साइडिंग के असंगठित मजदूर वेतन वृद्धि को लेकर संघर्षरत हंै। उनकी मांग है कि मजदूरी आधे से भी कम हो गई है। फिलहाल, ब्लाक दो के जीएम से मजदूरों की वार्ता पर निर्भर करेगा कि कोयला का उठाव होगा या नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.