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SAIL: नए स्टील मंत्री आरसीपी सिंह से कर्मचारियों को काफी उम्मीद, वेज रिवीजन को लेकर प्रबंधन और मजदूर संगठनों के बीच तनाव

सेल में पे रिवीजन को लेकर प्रबंधन और मजदूर संगठनों के बीच जिच बरकरार है। 30 जून को एक दिवसीय हड़ताल हो चुकी है। इस बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को स्टील मंत्री बनाया गया है। अब सिंह के तरफ सेल मजदूरों की नजर है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 11:26 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 11:26 AM (IST)
SAIL: नए स्टील मंत्री आरसीपी सिंह से कर्मचारियों को काफी उम्मीद, वेज रिवीजन को लेकर प्रबंधन और मजदूर संगठनों के बीच तनाव
सेल और केंद्रीय स्टील मंत्री आरसीपी सिंह ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ( SAIL) की बोकारो, राउरकेला, और दुर्गापुर समेत तमाम इकाइयों में प्रबंधन और मजदूर संगठनों के बीच तनावपूर्ण माहाैल है। काफी दिनों से पे रिवीजन लंबित है। इस मुद्दे पर प्रबंधन और मजदूर सगंठनों के बीच एक राय नहीं बन पा रही है। 30 जून को मजदूर हड़ताल भी कर चुके हैं। इस बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीपी सिंह को स्टील मंत्री बनाया गया है। अब मजदूरों की नजर सिंह पर टिक गई है।

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एनजेसीएस की होने वाली आगामी बैठक में वेज रिवीजन सहित कर्मियों की अन्य लंबित मांग को पूरा करना चाहिए। वेज रिवीजन नहीं होने के कारण इस्पात कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है। जो 30 जून की हड़ताल के रूप में दिख चुका है। अब अगर विलंब हुआ तो स्थिति नाजुक हो सकती है। इसलिए प्रबंधन को सकारात्मक कदम उठाते हुए वेज रिवीजन सहित अन्य लंबित मांगों को पूरा करना चाहिए। यह कहना है भाजपा के वरीय नेता डॉ प्रकाश सिंह का। कहा कि सेल प्रबंधन की नीतियों के कारण कर्मियों में असंतोष की भावना पनप रही है। कर्मचारियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, उससे आज उन्हें वंचित किया जा रहा है। प्रोत्साहन राशि की दर भी वर्षों से संशोधित नहीं हुई है।

सेल द्वारा संचालित अस्पतालों में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से भेदभाव होता है। कर्मी व उनके आश्रितों को दोयम दर्जे की सुविधा दी जाती है। यहां तक कि अधिकारियों और उनके आश्रितों के लिए अलग से वार्ड और विशेष काउंटर बनाए गए है, जो उचित नहीं है। आवास की मरम्मत को लेकर कर्मचारी नगर सेवा विभाग का चक्कर काटते रह जाते हैं, लेकिन, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। कहा कि इस्पात मंत्रालय ने 2016 में दो आदेश कंपनी को दिए। जिसमें पहला अधिकारियों को अन्यत्र जगह के बराबर सैलरी और दूसरा डिप्लोमा वालों को सम्मानजनक पदनाम की बात कही गई। पहले आदेश को तुरंत निष्पादित किया गया, पर दूसरे पर कोई रूचि कंपनी ने नहीं दिखाई। इस दौरान बीएसएल के कर्मचारियों के एक दल ने डाॅ. सिंह को लंबित मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें सुरेश कुमार, अनुज कुमार, राजू, सुनील, पंकज, प्रशांत शामिल थे।


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