Elephant Attack: वन विभाग ने हाथियों के झुंड को बोकारो से भगाया हजारीबाग, जाते-जाते कई घरों को किया ध्वस्त
Elephant Attack हाथियों ने बुधन हेंब्रम मंटू हेंब्रम सुनील हेंब्रम बिघन हेंब्रम के मकान को नुकसान पहुंचाया है। इस दाैरान सुनील हेंब्रम के एक सुअर को पैर से कुचल कर मार डाला।
बेरमो, जेएनएन। हजारीबाग जिले से हाथियों का जो झुड बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल में आया था उसे वन विभाग ने भगा दिया है। हाथियों का झुड़ बोकारो जिले से हजारीबाग के जंगलों में प्रवेश कर गया हैं। हालांकि जाते-जाते हाथियों ने अपने गुस्से का भी इजहार किया। फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही कई मकानों को भी ध्वस्त किया है। संयोग से किसी आदमी की जान नहीं गई है।
नावाडीह प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र ऊपरघाट में घुसे जंगली हाथियों के झुंड को मंगलवार देर रात हाथी भगाओ दल ने कड़ी मशक्कत के बाद हजारीबाग सीमा के जंगल की तरफ प्रवेश करा दिया। हाथियों के झुंड को बाहर निकालने के लिए वन विभाग एवं हाथी भगाओ दल के सदस्यों को करीब 10 घंटे का समय लगा। हाथियों के झुंड ने भागने के क्रम में ऊपरघाट स्थित पेंक के धवैया में चार मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया एवं खेत में लगी मकई के फसल को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।
हाथियों ने बुधन हेंब्रम, मंटू हेंब्रम, सुनील हेंब्रम, बिघन हेंब्रम के मकान को काफी नुकसान पहुंचाया है। हाथियों ने भागने के क्रम में सुनील हेंब्रम के एक सुअर को पैर से कुचल कर मार डाला। वनक्षेत्र पदाधिकारी बेरमो शंकर पासवान ने बताया कि हाथियों के झुंड को रात में 25 किलोमीटर चलकर हजारीबाग जिला के पीपरा जंगल में प्रवेश कराया गया। हाथियों के झुंड वापस नावाडीह न लौट आए इस लिए पीपरा के समीप वॉचर को निगरानी पर लगाया गया है।
बताते चलें कि 22 जंगली हाथियों का झुंड मंगलवार की अहले सुबह हजारीबाग जिला के खरखटो जंगल से नावाडीह प्रखंड के नक्सल प्रभावित ऊपरघाट अंतर्गत पेंक के चटकरी जंगल से प्रवेश कर मेरचइया गढ़ा होते हुए बोरवापानी जंगल पहुंत गया था। इतनी संख्या में जंगली हाथियों के पहुंचने से ग्रामीण दहशत में आ गए थे। बोरवापानी के निकट नाला में पानी पीकर कई घंटे तक हाथियों ने किया। जिसके बाद शाम चार बजे हाथी का झुंड यहां से विचरण करते हुए कोठी सीमावर्ती के रेवागढ़ा व लोहरागढ़ा जंगल मेंं प्रवेश कर गया है । जिसके बाद हाथी को सुरक्षित बाहर निकालने को हाथी भगाओ दल को बुलाया गया। हाथी भगाओ दल में शामिल लोगों ने मशाल के सहयोग से लोहरागढ़ा से बाहर निकालते हुए हाथी कोठी, रानीकुरहा, धवैया, मुंहफड़वा, मानपुर, कोसी, बुडगड्डा होते हुए हजारीबाग के पीपरा जंगल में प्रवेश करा दिया।