कहीं 6 माह तो कहीं एक साल से नहीं मिला बिजली बिल, अब उपभोक्ताओं को चिंता कि इकट्ठे न देना पड़े बिल Dhanbad News
शहर के कई इलाकों में उपभोक्ताओं को 6 माह से एक साल तक का बिजली बिल नहीं मिला है। ऐसे में लोगों को इस बात की चिंता है कि पूरा बिजली बिल इकट्ठे आने पर घर का बजट न बिगड़ जाए।
धनबाद, जेएनएन। हीरापुर के रविभूषण, विनोद नगर के धीरेंद्र कुमार और पुराना बाजार के राहत हुसैन परेशान हैं। इन सभी की परेशानी का कारण यह है कि किसी को छह माह तो किसी को एक साल से बिजली का बिल नहीं मिला है। नया मीटर लगाने के बाद की यह स्थिति है। सभी को एकसाथ 20 से 25 हजार रुपये तक बिल आने की चिंता सता रही है। साल 2017 से धनबाद एरिया बोर्ड में बिलिंग का काम निजी एजेंसी सार टेक्नोलॉजी कर रही है। एजेंसी पर बिजली विभाग का भुगतान बकाया है, इस कारण भी एजेंसी बिल देने में आनाकानी कर रही है।
सार टेक्नोलॉजी का आरोप है कि जेबीवीएनएल उन्हें बिलिंग कार्य के एवज में मासिक भुगतान नहीं कर रहा है। इससे एजेंसी अपने ऊर्जा मित्रों को वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है। कई महीनों से ऊर्जा मित्रों को वेतन नहीं दिया गया है। बिजली निगम पर एजेंसी का बकाया राशि लगभग पांच करोड़ रुपये पहुंच गया है। धनबाद एरिया बोर्ड का हर महीने का रेवेन्यू लक्ष्य करीब 50 करोड़ रुपये है। सार बीच-बीच में हड़ताल पर चेतावनी भी देती रहती है। जेबीवीएनएल और सार की आपसी खींचतान में खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है।
बिल नहीं मिलने पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी जता चुके हैं चिंता
पिछले दिनों जेबीवीएनएल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की ओर से जारी पत्र में कहा गया था कि जिले के काफी उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं मिल रहा है। इससे उपभोक्ता परेशान हैं। सार एजेंसी को 2017 में धनबाद और चास सर्किल का बिल वितरण का टेंडर दिया गया था। इसमें जिले के दो लाख 44 हजार 417 कनेक्शन की सूची दी गई थी, लेकिन दो साल बीत गए और अबतक एजेंसी 49 प्रतिशत ही बिल वितरण कर पाई है। हर दिन बिजली ऑफिस में दर्जनों उपभोक्ता बिल नहीं मिलने की शिकायत लेकर आ रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। धनबाद सर्किल अंतर्गत इंडस्ट्रीज कनेक्शन 1945, घरेलू कनेक्शन दो लाख पांच हजार, कमर्शियल कनेक्शन 33 हजार, एसटी कनेक्शन 296 है।
जीएम बोले- इक्का-दुक्का इलाकों में ऐसी स्थिति
जेबीवीएनल जीएम प्रतोष कुमार ने कहा कि बिलिंग एजेंसी सार को सख्त निर्देश दिया गया है कि अपने कार्य करने की क्षमता को बढ़ाएं और उपभोक्ताओं को बिजली बिल दें। जिससे उन्हें बाद में बिजली बिल का लोड नहीं पड़े। बहुत ज्यादा समस्या नहीं है, इक्का-दुक्का इलाकों में ऐसी स्थिति बनी है। बहुत जल्द समस्या दूर हो जाएगी।