Jharkhand Assembly Election 2019 : बोले लोग- विकास करनेवाले को मिले मौका; युवाओं के लिए रोजगार प्राथमिकता Dhanbad News
Jharkhand Assembly Election 2019 रेलकर्मी जे. उरांव कहते हैं कि महंगाई कम होनी चाहिए। साथ ही आम जनता तक जो आधारभूत आवश्यकता पहुंचा सके उसी की सरकार बननी चाहिए।
धनबाद, जेएनएन। जिले के गोमो बाजार की सबसे चर्चित शंकर चाय दुकान। सुबह के साढ़े सात बजे हैं। सुबह-सुबह चाय की चुस्कियां लेते हुए कई रेलकर्मी व अन्य लोग आपसी चर्चा में मशगूल हैं। इसी बीच वहां मौजूद गोमो दक्षिण पंचायत के मुखिया राजेंद्र सिंह उर्फ रवि अचानक कहते हैं कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा की दिशा में कोई ठोस काम नहीं किया है, लेकिन प्रधानमंत्री आरोग्य योजना से लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। विधि व्यवस्था भी ठीक है, पर देखिए इस बार झारखंड में किसकी सरकार बनती है।
इस पर रेलकर्मी जे. उरांव कहते हैं कि महंगाई कम होनी चाहिए। साथ ही आम जनता तक जो आधारभूत आवश्यकता पहुंचा सके, उसी की सरकार बननी चाहिए। चुपचाप बातें सुन रहे मुकेश प्रसाद भी चुप कहां बैठने वाले थे। वे कहते हैं कि वर्तमान सरकार की योजना का विकास कार्य तो हो ही रहे हैं। जहां तक महंगाई की बात है, तो समय को देखते हुए महंगाई जायज है। जब सही उपज होगी तो महंगाई की समस्या भी दूर हो जाएगी।
युवाओं को रोजगार मिले, यही वास्तविक विकास है : ये सुनते ही मो. गफ्फार हयात कहते हैं कि सड़क, बिजली, पानी देने को विकास नहीं कहा जा सकता है। युवाओं को रोजगार मिले, तभी लोग संतुष्ट होंगे। यही वास्तविक विकास है। इसी बीच बात को काटते हुए टुकू प्रसाद ने कहते हैं, प्रखंड के कई ऐसे गांव हैं, जहां आजादी से अबतक बिजली नहीं पहुंची थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने बिजली पहुंचाने का काम किया है।
स्थानीय नेताओं की अनदेखी करके बाहरी लोगों को दिया टिकट : चाय जैसे-जैसे ठंडी होती जा रही थी, चुनावी चर्चा गर्म होती जा रही थी। अचानक ये सज्जन बोल उठे कि टुंडी में किसी पार्टी ने सही प्रत्याशी नहीं दिया है। सभी पार्टियों ने स्थानीय नेताओं की अनदेखी करके बाहरी लोगों को चुनावी मैदान में उतारा है। इस पर कुछ लोगों ने इस बात का समर्थन किया, तो कई ने नकार दिया।
जीत हार का निर्णय जनता करेगी : अंत में हस्तक्षेप करते हुए जे उरांव कहते हैं कि चुनाव में जीत हार किसकी होगी, इसका निर्णय जनता करेगी। हमें तो खुद ही कमाकर खाना है। आपस में उलझने से कोई फायदा नहीं है। सबकी चाय की चुस्कियां रुक चुकी हैं। सभी अपने-अपने काम की ओर चल दिए।