ऑटो चालक का बेटे को बीपीएससी में 155 वां रैंक
ानबाद कहते हैं कि कुछ करने का जज्बा हो तो हर राह आसान हो जाती है। बस इरादों में दम होना चाहिए फिर आपकी कमजोरी भी आपकी ताकत बन जाती है।
धनबाद : कहते हैं कि कुछ करने का जज्बा हो तो हर राह आसान हो जाती है। बस इरादों में दम होना चाहिए, फिर आपकी कमजोरी भी आपकी ताकत बन जाती है। ऑटो चालक के पुत्र रवि रंजन ने बीपीएससी में सफलता हासिल कर न केवल परिवार, बल्कि जिले का नाम भी रौशन किया है। बीपीएससी में 155वां स्थान हासिल करने वाले रंजन ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है। रंजन एक गरीब घर के बेटे हैं। उनके पिता गांधीनगर निवासी रामचंद्र साव ऑटो चालक हैं और मां निर्मला देवी गृहिणी हैं। रंजन की पढ़ाई जारी रहे इसके लिए पिता ने कड़ी मेहनत की है। दो भाई बहनों में सबसे बड़े रंजन ने बताया कि मोहल्ले के सेंट्रल स्कूल से मैट्रिक की तथा 12वीं धनबाद पब्लिक स्कूल से किया। इसके बाद दिल्ली जाकर सत्यवती कॉलेज से इतिहास में स्नातक प्रतिष्ठा की डिग्री हासिल की। फिर वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए किया। उन्होंने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण कोचिंग करने के पैसे नहीं थे। इंटरनेट और यू ट्यूब को अपना गुरू बना लिया। वहीं कुछ दोस्त थे, जो कोचिंग कर रहे थे उनके नोट्स से मदद ली। उन्होंने कहा कि जब मैं स्कूल में पढ़ता था, तो पिता अक्सर कहते थे कि आज इस डीसी का तबादला हो गया तो अमूक अधिकारी आ गया। उनकी बातों को मन में बैठा लिया। आज सबसे अधिक खुशी उन्हें ही मिली है।
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बीपीएससी की परीक्षा में धनबाद की अनिशा ने भी सफलता का परचम लहराया है। आइआइटी आइएसएम के सुनिल कुमार की पुत्री ने पहले प्रयास में ही बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। अनिशा ने बताया कि उन्हें 153वां स्थान मिला है। उन्हें उम्मीद है कि कमर्शियल टैक्स आफिसर वित्त विभाग मिलेगा। अनिशा ने बताया कि उन्होंने स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल से की। इसके बाद बीआइटी में नामांकन मिला और सिविल इंजीनियरिग की। उन्होंने बताया कि बीपीएससी की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत के साथ समयबद्ध तरीके से पढ़ाई की और पहले प्रयास में ही सफलता मिल गई।