धनबाद और रांची को मिला इको स्मार्ट रेलवे स्टेशन का दर्जा, अब प्लास्टिक की नो एंट्री
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रेलवे को स्टेशनों की पहचान करने और उन्हें इको-स्मार्ट स्टेशन के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया था।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद रेलवे स्टेशन पर जल्द ही यात्रियों को इको फ्रेंडली माहौल मिलेगा। इसकी वजह यह है कि इसे इको स्मार्ट स्टेशन का दर्जा मिल गया है। देशभर के 37 स्टेशनों की श्रेणी में झारखंड के धनबाद और रांची को स्थान मिला है। इसके तहत अब स्टेशन को हाईटेक बनाया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता मिलेगी और स्टेशन परिसर में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दिया जाएगा। धनबाद में इस प्रोजेक्ट के लिए सीनियर डीएमई कैरेज एंड वैगन को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
क्या होगा बदलाव
- स्टेशन परिसर में प्लास्टिक के कैरी बैग और प्लास्टिक कप पर लगेगी रोक
- ऊर्जा के लिए वैकल्पिक संसाधन की की जाएगी व्यवस्था
- स्टेशन परिसर में इको फ्रेंडली टॉयलेट का होगा निर्माण
- पानी के बोतलों को नष्ट करने के लिए लगेगी बॉटल क्रश मशीन
- स्टेशन परिसर में रोडेंट एंड पेस्ट कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम
- सिवेज ट्रीटमेंट, वाटर री-साइक्लिंग और रीयूज की व्यवस्था
- हरियाली के लिए वन विभाग से ली जाएगी मदद
क्या था एनजीटी का निर्देशः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रेलवे को स्टेशनों की पहचान करने और उन्हें इको-स्मार्ट स्टेशन के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया था। कहा गया था कि भारतीय रेल ठोस कचरा और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016 के अनुपालन के लिए 'पोल्यूटर पेयज' (प्रदूषण करने वाला ही क्षतिपूर्ति करेगा) सिद्धांत लागू कर सकते हैं। ऊर्जा और पानी का इस्तेमाल कम करने के लिए चिह्नित स्टेशनों पर तीन महीने के भीतर जल और ऊर्जा ऑडिट कराने को भी कहा था। रेलवे ठोस और प्लास्टिक कचरे के लिए संबंधित शहरी स्थानीय निकायों के साथ समन्वय कर सकता है। स्टेशन पर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर सकता है।