भूमिगत खदान की दुरूह सीम में कोयला खनन की राह दिखाएगा IIT-ISM, ECL ने किया करार Dhanbad News
मुगमा एरिया में स्थित भूमिगत खदान के अंदर समतल सीम नहीं है। उसमें कई जगह ढलान या चढ़ाई की स्थिति है। सुरक्षा के लिहाज से भी खदान में काम करना कठिन है।
धनबाद, जेएनएन। ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड की मुगमा भूमिगत खदान की सीम बेहद दुरूह है। इस खदान में काम करना मजदूरों के लिए काफी कठिन साबित हो रहा है। ऐसे में ईसीएल प्रबंधन ने मुगमा क्षेत्र में उच्च तकनीक के बूते आधा दर्जन ऐसी खदानें विकसित करने का बीड़ा उठाया है जहां आसानी से कोयला उत्पादन हो सके। नई उच्च तकनीक से ऐसी खदानें तैयार करने को धनबाद के आइआइटी आइएसएम (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) समेत चार एजेंसियों के विशेषज्ञों को लगाया गया है।
दरअसल मुगमा एरिया में स्थित भूमिगत खदान के अंदर समतल सीम नहीं है। उसमें कई जगह ढलान या चढ़ाई की स्थिति है। सुरक्षा के लिहाज से भी खदान में काम करना कठिन है। ईसीएल प्रबंधन ने इस समस्या से निजात के लिए तकनीक का सहारा लिया है। अब प्रबंधन इस पर रिसर्च रिपोर्ट तैयार करा रही है, ताकि खदान में मौजूद कोयला के भंडार को निकाला जा सके। मुगमा क्षेत्र की भूमिगत खदान काफी पुरानी है और यहां उच्च कोटि का कोयला है।
ईसीएल सीएमडी पीएस मिश्रा ने कहा कि रिसर्च हो रही है। फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। कुमारधुबी, बैजना, लखीमाता, फटका सहित कई अन्य माइंस है जहां उच्च तकनीक से कोयला उत्पादन करेंगे। ईसीएल की प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग विभाग की टीम भी इस पर काम कर रही है।