ईसीएल के 11 अधिकारियों पर सीवीसी का शिकंजा
धनबाद : कोल इंडिया की इकाई इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के चिनाकुड़ी पावर प्लांट क
धनबाद : कोल इंडिया की इकाई इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के चिनाकुड़ी पावर प्लांट की निविदा प्रक्रिया में विलंब के चलते कोल कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। कोयला मंत्रालय के निर्देश पर इस मामले में कोल इंडिया के वित्त निदेशक एवं ईसीएल के तत्कालीन प्रभारी सीएमडी सीके डे सहित समेत सात वरिष्ठ अधिकारियों को मेजर पेनाल्टी के तहत चार्जशीट जारी कर दी गई है। वहीं मंत्रालय ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त(सीवीसी) को रिटायर हो चुके चार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश भारत सरकार की अंडर सेक्रेटरी (कोल) अलका शेखर ने अपने पत्र में दिया है।
इनको दी गई चार्जशीट : ईसीएल के तत्कालीन प्रभारी सीएमडी सीके डे, वित्त निदेशक वित्त एएम मराठे, कार्मिक निदेशक केएस पात्रो, विभागाध्यक्ष एन मित्रा, जीएम इएंडएम उत्पल चक्रवर्ती, जीएम टीके दत्ता, सीएमपीडीआइएल के चीफ मैनेजर व पीके दत्ता।
इनके खिलाफ होगी प्राथमिकी :
सेवानिवृत्त हो चुके जीडी झा (मुख्य महाप्रबंधक), एस चौधरी (जीएम, इएंडएम), एम मित्रा (जीएम, इएंडएम)व बीएन दास (अवर महाप्रबंधक, विधि विभाग)।
---
यह है मामला :
पहले चिनाकुड़ी पावर प्लांट प्राइवेट कंपनी आइपीसीएल के जरिए संचालित किया जा रहा था। ईसीएल ने 1991 में 30 लाख रुपये प्रतिमाह के करार पर 20 साल के लिए प्लांट के संचालन का ठेका दिया था। अवधि समाप्त होने पर 2011 में एक साल का एक्सटेंशन दिया गया। 2012 में पुन: अवधि समाप्त हो गई। इसके बाद करीब 18 माह की देरी से 2014 में प्लांट संचालन की निविदा निकाली गई। लेकिन प्रक्रिया में विलंब के चलते कार्य आवंटन ही नहीं हो पाया। जांच से पता चला कि इस विलंब के चलते कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है। विलंब में सीएमडी व निदेशक स्तर के अधिकारियों के नाम आने के बाद पूरा मामला सीवीसी के पास चला गया। इसकी जांच रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी गई। इसके बाद मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किया है।
कोर्ट में भी मामला विचाराधीन: ईसीएल प्रबंधन पर आर्बिटेशन के तहत भी मामला चल रहा है। प्रबंधन ने निविदा प्रक्रिया में देरी का ठीकरा चिनाकुड़ी पावर प्लांट संचालन का ठेका लेनेवाली कंपनी आइपीसीएल पर फोड़ते हुए करीब 304 करोड़ रुपये का दावा ठोका है।
----
कोट
चिनाकुड़ी पावर प्लाट की निविदा प्रक्रिया में अनियमितता की बातें सामने आई हैं। कई अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। कोयला मंत्रालय के निर्देश पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
- डीबी सिंह, सीवीओ, ईसीएल