Power Crisis: पांच हजार करोड़ रुपये वसूली के लिए डीवीसी की कार्रवाई से कोयलांचल में अंधकार, चहुंओर हाहाकार
झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड पर डीवीसी का करीब पांच हजार करोड़ रुपये का बकाया है।
धनबाद, जेएनएन। दामोदर घाटी निगम (DVC) ने झारखंड में अपने कमांड क्षेत्र के तहत आने वाले जिलों में बिजली की कटाैती शुरू कर दी है। 24 घंटे में 18 घंटे की कटाैती की जा रही है। इससे धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा और चतरा जिलों में अंधेरे राज कायम हो गया है। दो घंटे बिजली की आपूर्ति करने के बाद छह घंटे के लिए डीवीसी बिजली की आपूर्ति काट दे रहा है। इस अभूतपूर्व बिजली संकट से हाहाकार मच गया है। उद्योग-धंधे से लेकर दुकान-बाजार और पठन-पाठन सब चाैपट हो रहा है।
बकाया वसूली के लिए दबाव की कार्रवाई
डीवीसी का जेवीएनएल पर 4955 करोड़ रुपए का बकाया है। डीवीसी ने 25 फरवरी 2020 भुगतान करने का डेट लाइन निर्धारित किया था। बकाया बिल का भुगतान नहीं होने पर 50% बिजली काटने की चेतावनी दी थी। झारखंड सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद डीवीसी ने 10 मार्च से कटाैती शुरू कर दी है। 10 मार्च को होली थी। उसी दिन से कटाैती शुरू की। डीवीसी झारखंड में 300 एमवीए बिजली आपूर्ति जेवीएनएल को करता है। जेवीएनएल झारखंड के 7 जिलों में घर-घर बिजली आपूर्ति करती है। डीवीसी बिजली आपूर्ति का बिल बकाया होने के कारण बिजली कटौती कर रहा है। इससे सातों जिलों में हाहाकार है।
दो घंटे ठहरने के बाद छह घंटे गुल रहती बिजली
डीवीसी के वाणिज्य विभाग ने पत्र जारी कर सभी जिलों में बिजली कटौती का समय भी निर्धारित कर दिया है। प्रत्येक 6 घंटे में मात्र 2 घंटा बिजली आपूर्ति की जाएगी। इस तरह 24 घंटे में हर 6 घंटे की कटाैती के बाद दो घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। सभी जिलों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है। बिजली कटाैती से आम लोगों में गुस्सा है। उपभोक्ताओं ने विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि हम तो बिजली बिल का भुगतान करते हैं। हमें बिजली चाहिए।
बिजली विभाग के अधिकारियों से मिला प्रतिनिधिमंडल
गोविंदपुर टुंडी, पूर्वी टुंडी, कांडरा एक, कांडरा दो, धनबाद रोड, कुसुम बिहार, सहयोगी नगर, कोला कुसमा, बिगबाजार, आदि क्षेत्रों में होलिका दहन के दिन से ही बिजली का घोर संकट है। जिसके कारण कल कारखाने,शिक्षण संस्थान के साथ आम उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली 2 घंटे रहती है फिर 6 घंटे गायब हो जाती है।बिजली कटौती से उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश है। बिजली संकट से त्रस्त उपभोक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को समाजसेवी नंदलाल अग्रवाल के नेतृत्व में कार्यपालक विद्युत अभियंता मृणाल गौतम से मिला तथा घरेलू उपभोक्ताओं एवं कल कारखानों में बिजली संकट से हो रही परेशानियों से अवगत कराया। कार्यपालक अभियंता ने कहा कि बकाया को लेकर डीवीसी द्वारा अपने कमांड क्षेत्र में बिजली की लगातार कटौती की जा रही है। 24 घंटे में 18 घंटे डीवीसी की लोड शेडिंग हो रही है। केवल 6 घंटे बिजली दी जा रही है। इसमें झारखंड बिजली वितरण निगम का कोई दोष नहीं है ।
पैसा नहीं मिलने पर डीवीसी का प्लांट हो जाएगा बंद
डीवीसी ने लगभग 5 हजार करोड़ रुपए बकाया राशि को लेकर झारखंड में कमांड एरिया में चरणबद्ध बिजली कटौती शुरू किया है। डीवीसी के अतिरिक्त निदेशक एके दे ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक झारखंड सरकार बकाया पैसे का भुगतान नहीं करती तबतक बिजली की कटौती जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पैसे के अभाव में बोकारो थर्मल, चंद्रपुरा एवं कोडरमा का प्लांट चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है । उधर बीसीसीएल ने भी पैसे के अभाव में डीवीसी को कोयला देने ने आनाकानी कर रहा है जिससे डीवीसी के कई प्लांटों में कोयले की बेहद कमी हो गई है।