झारखंड पर दबाव बनाने के लिए डीवीसी ने शुरू की बिजली कटाैती, भुगतेगी जनता
डीवीसी के मुख्य अभियंता (कमर्शियल) एमसी रक्षित ने झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर बिजली कटाैती के निर्णय की जानकारी दी है।
धनबाद, जेएनएन।दुर्गापूजा से पहले दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने जो झारखंड की बिजली कटौती स्थगित किया था वह स्थायी साबित हुई है। दुर्गापूजा, दीपावली और छठ के बाद डीवीसी ने फिर से बिजली कटाैती शुरू कर दिया है। बुधवार को धनबाद शहर और इसके विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की आंख-मिचाैनी शुरू हो गई।
क्या है मामलाः डीवीसी के मुख्य अभियंता (कमर्शियल) एमसी रक्षित ने झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर बिजली कटाैती के निर्णय की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि अक्टूबर 2015 से सितम्बर 2018 तक के अवधि में झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड पर तीन हजार पांच साै करोड़ रुपया (3500) बकाया हो चुका है। श्री रक्षित ने झारखण्ड के चीफ सेक्रटरी, प्रिंसिपल सेक्रटरी, वित्त विभाग सहित धनबाद, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर लोड शेडिंग शुरू किये जाने की जानकारी दी है।
झारखंड ने पूरा नहीं किया आश्वासनः अगस्त और सितंबर महीने में बिजली की कटाैती से झारखंड त्राहि-त्राहि कर रहा था। डीवीसी दस से 12 घंटे बिजली काट रहा था। इससे आम लोग आक्रोशित और राजनीतिक दल आंदोलित थे। मुख्यमंत्री रघुवर दास के हस्तक्षेप के बाद दुर्गापूजा से पहले डीवीसी ने बिजली की कटाैती स्थगित की। झारखंड सरकार ने आश्वासन दिया था कि एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
हर माह औसत दो साै करोड़ का बिल देता डीवीसीः डीवीसी झारखंड में अपने कमांड क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति करता है। वह झारखंड को हर माह औसत दो साै करोड़ रुपये का बिल देता है। लेकिन, झारखंड बिल के मुताबिक भुगतान नहीं करता है। डीवीसी के अनुसार चालू वर्ष 2018 में अप्रैल से सितंबर के बीच झारखंड ने जून महीने में 20 करोड़ और सितंबर महीने में 350 करोड़ का भुगतान किया है। झारखंड सरकार द्वारा आश्वासन देने के बाद भी बिजली बिल भुगतान नहीं करने के कारण डीवीसी ने प्रतिदिन कम से कम आठ-आठ घण्टे तक बिजली आपूर्ति में कटौती करेगा।
झारखंड के प्रभावित जिलेः डीवीसी की बिजली कटाैती से झारखंड के धनबाद, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, कोडरमा, गिरिडीह और पूर्वी सिंहभूम जिले प्रभावित होंगे।