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पुर्ननामांकन की पेंच में फंसी होमगार्ड जवानों की ड्यूटी

धनबाद जिला के ग्रामीण और शहरी होमगार्ड जवानों को ड्यूटी नहीं मिल रही है। पूर्व से जो जवान जहां पदस्थापित थे उन्हें वहीं उन्हें कार्य करने दिया जा रहा है। इससे उन जवानों में विभाग के प्रति आक्रोश है जो बीते चार माह से बिना काम के बैठे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 07:20 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 07:20 PM (IST)
पुर्ननामांकन की पेंच में फंसी होमगार्ड जवानों की ड्यूटी
पुर्ननामांकन की पेंच में फंसी होमगार्ड जवानों की ड्यूटी

जागरण संवाददाता, धनबाद : जिला के ग्रामीण और शहरी होमगार्ड जवानों को ड्यूटी नहीं मिल रही है। पूर्व से जो जवान जहां पदस्थापित थे, उन्हें वहीं उन्हें कार्य करने दिया जा रहा है। इससे उन जवानों में विभाग के प्रति आक्रोश है, जो बीते चार माह से बिना काम के बैठे हैं। जवानों ने आरोप लगाया है कि विभागीय लापरवाही के कारण उन्हें ड्यूटी नहीं मिल पा रही है।

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प्रावधान के अनुसार होमगार्ड जवानों को चार माह के लिए ड्यूटी मिलती है। यह समय पूरा होने पर फिर से रोस्टर निकाला जाता है और उन्हें दूसरी जगह ड्यूटी दी जाती है। नियम यह भी है कि जिस जवान को ड्यूटी नहीं मिली है उसे रोस्टर में प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। जो जवान पहले से अपने कार्य पर तैनात थे, उन्हें ही उसी जगह पर कार्य करने दिया गया और जो जवान बिना काम के बैठे हैं उन्हें फिर से चार माह का इंतजार करना होगा। होमगार्ड जवानों को दैनिक कार्य के आधार पर ही भुगतान भी किया जाता है। इसे लेकर झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने कहा कि गृह रक्षा वाहिनी धनबाद में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

इधर इस मामले को लेकर वाहिनी समादेष्टा तारकेश्वर राम ने कहा कि प्रत्येक चार वर्ष पर होमगार्ड जवानों का पुर्ननामांकन किया जाता है। लॉकडाउन के कारण यह इस बार समय पर नहीं हो पाया। ऐसे में उपायुक्त धनबाद के आदेश पर ही ड्यूटी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही रोस्टर जारी कर शेष सभी जवानों को ड्यूटी दी जाएगी।


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