मां की विदाई को और दुखदायी बनाया काला पानी
जिन्हें जनता ने चुना उन्होंने ने इस पर्व पर राजा तालाब की सफाई करवाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। शांति समिति की बैठक हुई पर उसमें भी पहुंचे गणमान्य लोग सफाई का जिम्मा नहीं उठा सकें।
धनबाद, जेएनएन। झरिया के राजा तालाब पर मां की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए पहुंचने वाले भक्तों की आंखें डबडबा रहीं थीं। मां की विदाई की बेला था पर दर्द इस बात का था कि जिस पानी में प्रतिमा का विसर्जन हो रहा था वह बेदद गंदा था। भक्त यह कहते देखे गए कि इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि भक्तों ने पूरी श्रद्धा के साथ मां की पूजा की पर तंत्र की बेरुखी के कारण उनको ऐसे पानी में प्रतिमा का विसर्जन करना पड़ा। आलम ये था कि तालाब से जलकुंभी तक नहीं हटाई गई। ऐसे में पानी साफ होने की बात सोचना ही बेमानी थी।
जिन जनप्रतिनिधियों को जनता ने चुना उन्होंने ने इस महापर्व पर राजा तालाब की सफाई करवाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। और ताे और पूजा के पूर्व झरिया थाना में शांति समिति की बैठक हुई पर उसमें भी पहुंचे गणमान्य लोग तालाब की सफाई का जिम्मा तकीं नहीं उठा सकें। भक्त गोलू साव, अशोक कुमार, मुन्ना हलधरर, प्रकाश शर्मा आदि का कहना था कि पर्व पर हर ओर पवित्रता रहती है। परंपरा और विधानों के पालन के साथ पूजा होती है। बेदह दुखद है कि तंत्र और हमारे जनप्रतिनिधि साफ पानी तक की व्यवस्था नहीं कर सके जबकि ये उनका फर्ज था। झरिया की जनता विसर्जन के वक्त कलपती रही। किसी प्रकार किनारे की जलकुंभी हटाकर काले पानी में मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। हम तो मां की आराधना करते रहे पर जिम्मेदार लोगों ने मां काे काले पानी की सजा दे दी।
मां को काले पानी की सजा देने की बात सिर्फ झरिया तक सीमित नहीं है। ढाक की ताल और महामाई के जयकार के बीच मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन कोयलांचल में शुक्रवार की रात तक होता रहा। शनिवार को भी कई पूजा कमेटियों ने मां की प्रतिमा विसर्जित की। बची-खुची प्रतिमाएं रविवार को भी विसर्जित की जाएंगी। लेकिन, दुखद यह है कि लाखों रुपये खर्च कर बनाने और सजाने के बाद मां की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए साफ और स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है। धनबाद कोयलांचल के ज्यादातर तालाब गंदे और काले पानी से भरे हैं। इन्हीं गंदे तालाब में भक्ता मां की प्रतिमा विसर्जित करने को मजबूर हैं।