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कोरोना टीका का चमत्कार ! पहला डोज पड़ते ही खड़ा हो गया चार साल से बेड पर पड़ा यह मुंडा

Miracle of Corona Vaccination झारखंड के बोकारो में चमत्कार हुआ है। यहां एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना के बाद चार साल से बिछावन पर पड़ा था। बोलने और चलने में पूरी तरह असमर्थ था। कोविशील्ड का टीका लेने के बाद उसके शरीर में उर्जा दाैड़ गई है। वह बोलने लगा है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 06:27 AM (IST)
कोरोना टीका का चमत्कार ! पहला डोज पड़ते ही खड़ा हो गया चार साल से बेड पर पड़ा यह मुंडा
घर में बिछावन पर पड़ा दुलारचंद मुंडा ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, बोकारो। Miracle of Corona Vaccination इसे चमत्कार नहीं तो और क्या कहा जाय। इलाज पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी ठीक नहीं होने के कारण चार साल से जो व्यक्ति बिछावन पर अचेत पड़ा था उसके शरीर में उर्जा दाैड़ गई है। पांच साल बाद उसकी जुबान लाैट गई है। वह पैर पर भी खड़ा होने लगा है। शख्स के शरीर में अचानक इस परिवर्तन से न सिर्फ उसके परिवार और गांव वाले आश्चर्यचकित हैं बल्कि चिकित्सक भी हैरान हैं। यह सब कैसे हो गया ? तो इसका तात्कालिक जवाब है कोविशील्ड का एक डोज। सटीक जानकारी और जवाब तो आने वाले दिनों में मिलेगा जब चिकित्सा जगत दुलारचंद मुंडा की बीमारी और उसकी रिकवरी पर शोध करेगा। 

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क्या है पूरा मामला

झारखंड के बोकारो जिले के पेटरवार स्थित सलगाडीह गांव के अपने घर में चार साल से 55 वर्षीय दुलारचंद मुंडा अपने बिछावन पर पड़ा था। चार साल पहले दुलारचंद की सडक दुर्घटना हुइ थी। जिसके बाद उसका पूरा शरीर अकड़ गया था। वह बिछावन पर लाचार पड़े हुए थे। बोल भी नहीं पा रहे थे। परिवार वाले इलाज के लिए बाहर ले गए, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। इजाल के लिए घर की पुस्तैनी जमीन तक बिक गई। मगर दुलारचंद बिछावन से उठ नहीं पाए। 6 जनवरी को उन्हें कोरोना का टीका-कोविशील्ड का पहला डोज दिया गया। इसके बाद उनकी बोली लाैट आई है। वह खड़े होने भी लगे हैं। हालांकि अभी चलने की स्थिति में नहीं हैं। इस बदलाव को स्वजन कोरोना के टीके को वरदान बता रहे हैं।

6 जनवरी को पड़ा पहला डोज

बोकारो के पेटरवार प्रखंड के उत्तासारा पंचायत के सलगाडीह निवासी दुलारचंद मुंडा चलने फिर पाने में असमर्थ थे और बोलने में भी असमर्थ थे। दुर्घटना के बाद से ये बिस्तर पर ही जीवन गुजर बसर करना इनकी नियति बन गई। डोर टू डोर अभियान के तहत 6 जनवरी को मुंडा को भी वैक्सीन लगा दी गई। कोविशिल्ड की वैक्सीन पड़ी उसके बाद इनका अंग काम करने लगा। हमेशा से बेड पर पड़े रहे दुलारचंद मुंडा अपने पैर पर खड़े हो गए और जुबान में आवाज आ गई।

यह एक चमत्कार है। हम लोग दुलारचंद के स्वास्थ्य में सुधार की आशा छोड़ चुके थे। वैक्सीन के प्रभाव से वह ठीक हो गया है। अब उम्मीद करते हैं कि दुलारचंद पूरी तरह स्वस्थ होंगे।

-महेंद्र मुंडा, मुखिया पति, उत्तासारा पंचायत, पेटरवार, बोकारो वैक्सीन के कारण इस प्रकार के बीमारी के ठीक होने की पहली घटना है। चूंकि वैक्सीन से प्रतिरक्षण प्रणाली ठीक होती है । इसलिए यह संभावना है कि दुालरचंद के साथ ऐसा हुआ होगा। उसकी इम्यूनिटी पावर बढ़ गई होगी। हालांकि इसके वैज्ञानिक जांच के बाद ही सबकुछ स्पष्ट हो पाएगा।

-डा. जितेन्द्र कुमार, सिविल सर्जन, बोकारो


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