नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से गठित टीम आज अवैध खनन स्थल की जांच करेगी
संस पंचेत धनबाद
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से गठित टीम आज अवैध खनन स्थल की जांच करेगी
संस, पंचेत : धनबाद में चल रहे अवैध खनन के में मौत को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने स्वत: संज्ञान लिया है। अवैध उत्खनन में हो रही मौतों व परित्यक्त खदानों की जांच के लिए 6 सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी शुक्रवार को कापासारा, गोपीनाथपुर एवं डुमरी जोड़ में अवैध खनन स्थल का निरीक्षण करेगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ईस्टर्न जोन कोलकाता के माननीय न्यायधीश बी अमित स्लेटकर एवं विशेषज्ञ सदस्य माननीय न्यायाधीश सैबल दासगुप्ता, देबाशीष घोष, एमओईएफ और सीसी के वकील सुरेंद्र कुमार, जेएचएसपीसीबी के वकील दीपांजन घोष, सीपीसीबी की अधिवक्ता ऐश्वर्या राज्यश्री, राज्य के अधिवक्ता अशोक प्रसाद, महानिदेशक के महाधिवक्ता खान सुरक्षा आदेश पर 21 अप्रैल को हुए बीसीसीएल के चांच विक्टोरिया के डुमरी जोड़ में हादसे व भविष्य में इस पर रोक के लिए कमेटी बनाई है।
कमेटी की रिपोर्ट में धनबाद से 45 किमी दूर निरसा में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के चांच विक्टोरिया कोलियरी क्षेत्र में एक परित्यक्त कोयला खदान एवं फरवरी में अवैध खनन के दौरान धनबाद के गोपीनाथपुर में खदान के ढहने के कारण ईस्टर्न कोलफील्ड की एक परित्यक्त खदान में कम से कम 05 लोगों की जान चली गई थी। सरकार ने घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था। इसमें कम से कम 13 श्रमिकों की मौत हो गई थी और कई अन्य खदान के अंदर फंस गए थे। रिपोर्ट में धनबाद के निरसा प्रखंड के मुगमा इलाके के ईस्टर्न कोल फील्ड्स कापासरा में हुए मौत का भी जिक्र है।
ट्रिब्यूनल ने एक कमेटी का गठन किया। इसमें (i) एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, रांची के वरिष्ठ वैज्ञानिक, (ii) केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक (iii) झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक (iv) जिला मजिस्ट्रेट, धनबाद (v) महानिदेशक, खान सुरक्षा महानिदेशक, धनबाद या उनके प्रतिनिधि जो उप महानिदेशक, सीजेड, धनबाद के पद से नीचे का न हो (vi) जिला खनन अधिकारी, धनबाद और (vii) पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, धनबाद समन्वित क्षेत्रीय कार्यालय शामिल होंगे। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय रांची समन्वय के लिए नोडल कार्यालय होगा। समिति ऊपर उल्लिखित आरोपों के संबंध में साइट का निरीक्षण करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और रोकने के संबंध में उपचारात्मक कदम/कार्य योजना की भी सिफारिश करेगी। समिति चार सप्ताह में रिपोर्ट देगी।