जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र कब बनेगा पता नहीं, आवेदन जमा करने में खर्च हो गए 220 रुपये
धनबाद मुख्यालय से सिदरी की दूरी 35 किमी है। मंगलवार को यहां से 50 वर्षीय सुखमनी देवी अपने पति का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए निगम कार्यालय पहुंची। उनके साथ बेटा महादेव भी था।
धनबाद : धनबाद मुख्यालय से सिदरी की दूरी 35 किमी है। मंगलवार को यहां से 50 वर्षीय सुखमनी देवी अपने पति का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए निगम कार्यालय पहुंची। उनके साथ बेटा महादेव भी था। दोनों ने सिदरी से निगम मुख्यालय तक पहुंचने के लिए चार बार आटो बदला। इसमें 55 रुपये लगे। दोनों का किराया 110 रुपये। यहां पहुंचने पर पता चला कि आवेदन तो जमा हो रहा है, लेकिन प्रमाणपत्र कब तक बनेगा यह नहीं पता। कार्यालय आकर पता करते रहिए। इतना सुनते ही सुखमनी देवी झुंझलाते हुए बोली - पागल समझ लिए है का साहब। आने में 110 रुपये खर्च हो गए, जाने में भी इतना ही खर्च होगा। गरीब आदमी चार बार यहां आना-जाना करेगा तो घर कैसे चलेगा। आप लोगों को हमारी परेशानी से कोई लेना देना ही नहीं है। इतना सुनने के बाद भी निगम के पदाधिकारी बोले, चाची हमारे हाथ में कुछ नहीं है, जिला प्रशासन ने ही रोक लगा रखी है तो क्या करें।
यह सिर्फ एक सुखमनी देवी नहीं बल्कि ऐसे कई लोगों की कहानी है, जो हर दिन इस समस्या से जूझ रहे हैं। नई व्यवस्था के तहत निगम के पांचों अंचल का जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र अब मुख्यालय से निर्गत होगा। अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों का पहले से जारी लागइन और आइडी ब्लाक कर दिया गया है। सभी एआइडी मुख्यालय के रजिस्ट्रार में मर्ज किया जाना है, जो अभी तक नहीं हो सका है। इसकी वजह से अंचल में न तो आवेदन जमा हो रहा है और न ही जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत हो रहा है। जन्म-मृत्यु के 100 से अधिक आवेदन लंबित हैं। अभी तक धनबाद नगर के पांचों अंचल धनबाद, सिदरी, कतरास, छाताटांड़ और झरिया अंचल से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनने की व्यवस्था चली आ रही थी। इसे सेंट्रलाइज्ड कर दिया गया है। अब पांचों अंचल का जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र धनबाद अंचल से ही बनेगा। सभी अंचल के लागइन आइडी को मर्ज करने के लिए जिला सांख्यिकी को पत्र दिया गया है। अभी तक यह नहीं हो सका है। जैसे ही मर्ज हो जाएगा, प्रमाणपत्र बनना शुरू हो जाएगा। फिलहाल जितने भी आवेदन आ रहे हैं उनके परमिशन के लिए आवेदन भेज दिया जा रहा है। इससे वर्कलोड कम रहेगा। अनुमति मिलते ही सिर्फ प्रमाणपत्र जारी होना शुरू हो जाएगा।
- मो. अनीस, कार्यपालक पदाधिकारी सह रजिस्ट्रार