तालाबों में एक निश्चित घेरे में होगा मूर्ति विसर्जन, जल प्रदूषण के खिलाफ DMC की पहल Dhanbad News
जेएसपीसीबी की ओर से मूर्ति विसर्जन से एक दिन पहले विसर्जन वाले दिन और विसर्जन के एक दिन बाद तालाबों की सैंपलिंग होगी। इसके लिए धनबाद-बोकारो के तालाबों का चयन भी किया गया है।
धनबाद, जेएनएन। तालाबों एवं नदियों की सफाई को लेकर नगर निगम से लेकर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक रेस है। निगम के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को जहां विभिन्न तालाबों का निरीक्षण कर सफाई का जायजा लिया। वहीं दूसरी ओर जेएसपीसीबी ने नौ तालाबों की सैंपलिंग करने का फैसला किया। नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप के निर्देश पर तालाबों की सफाई और एक चिह्नित स्थल पर मूर्ति विसर्जन के लिए बेरीकेड बनाने का काम शुरू हो गया।
सिटी मैनेजर विजय कुमार ने रानीबांध के एक कोने में मूर्ति विसर्जन के लिए बांस के सहारे बेरीकेड कराया। यहां बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा एकत्रित किया गया। इसी तरह नगर आयुक्त के साथ कर्मियों ने राजा बांध झरिया में भी मूर्ति विसर्जन के लिए जगह चिह्नित कर घेरा बनाया। विजय कुमार ने बताया कि शनिवार और रविवार को लगभग सभी तालाबों में मूर्ति विसर्जन के लिए घेरा बनाया जाएगा। इसके अलावा सभी तालाबों पर दो तरह के बैग रखे जाएंगे। एक में प्लास्टिक और दूसरे में पूजा सामग्री, ताकि तालाब में गंदगी न हो। आस्था के लिए मूर्तियों को घेरे के अंदर ही विसर्जन करने का निर्देश दिया गया है।
धनबाद-बोकारो के नौ तालाबों की होगी सैंपलिंगः जेएसपीसीबी की ओर से मूर्ति विसर्जन से एक दिन पहले, विसर्जन वाले दिन और विसर्जन के एक दिन बाद तालाबों की सैंपलिंग होगी। इसके लिए धनबाद-बोकारो के तालाबों का चयन भी किया गया है। इसमें रानीबांध तालाब, पॉलीटेक्निक, पंपू, कुसुंडा तालाब रेलवे स्टेशन, सोलंगडीह चास, कैंप-2 सेक्टर-1 बोकारो, राजाबांध तालाब कतरास, तेलियाबांध तालाब, भगत सिंह चौक कतरास और राजा तालाब झरिया शामिल है। जेएसपीसीबी के क्षेत्रीय पदाधिकारी आरएन चौधरी ने बताया कि मूर्ति विसर्जन को लेकर निर्देश जारी किया जा चुका है। 48 घंटे के अंदर अवशेष निकालना होगा। तालाबों की सैंपलिंग की रिपोर्ट बोर्ड कार्यालय रांची भेजी जाएगी।
मूर्ति विसर्जन को लेकर निर्देशः-
- मूर्ति विसर्जन के 48 घंटे के अंदर अवशेष तालाब या नदी से बाहर निकालना होगा।
- अनुपालन न होने की स्थिति 50 हजार रुपये तक जुर्माना।
- जल स्त्रोतों में मूर्ति विसर्जन से पहले सजावट व पूजन सामग्रियों प्लास्टिक, कागज, फूल आदि को हटाना होगा।
- जैविक क्रिया से नष्ट होने वाली सामग्रियों (नॉन-बायोडिग्रेबल) को अलग कर उनका उपयोग भू-भराई आदि कार्यों में करना।
- मूर्ति विसर्जन का स्थल का पहले से घेराबंदी कर उस स्थल के तल में सिंथेटिक लाइनर का उपयोग किया जाना चाहिए।
- मूर्ति विसर्जन के बाद 48 घंटे के अंदर सिंथेटिक लाइनर समेत मूर्ति के अवशेष आदि को हटा लेना है।
- बांस-लकड़ी के टुकड़ों आदि को पुन: उपयोग किया जाए। मिट्टी आदि का प्रयोग भू-भराई में करें।
- रात दस से सुबह छह बजे तक सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर पर रोक।