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राणी सति हार्डकोक व विधि विनकोम में कोयले की हेराफेरी का खुलासा

अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी के नेतृत्व में जिला खनन विभाग ने

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 09:35 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 09:35 PM (IST)
राणी सति हार्डकोक व विधि विनकोम में कोयले की हेराफेरी का खुलासा
राणी सति हार्डकोक व विधि विनकोम में कोयले की हेराफेरी का खुलासा

संवाद सहयोगी, निरसा : अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी के नेतृत्व में जिला खनन विभाग ने एमपीएल ओपी अंतर्गत संबंधपुर के समीप राणी सति हार्डकोक इंडस्ट्रीज व विधि विनकोम कोल स्टाक में शुक्रवार को हुई छापेमारी में दोनों जगहों से लगभग 1324 टन अवैध कोयला जब्त किया गया है। राणी सति इंडस्ट्रीज से 532 टन और विधि विनकोम कोल स्टाक से 792 टन कोयला जब्त किया गया है। खान निरीक्षक दिलीप कुमार ने एमपीएल ओपी में राणी सति हार्डकोक व विधि विनकोम के खिलाफ अवैध रूप से कोयला खनिज की खरीद बिक्री, भंडारण, प्रसंकरण व राजस्व की क्षति पहुंचाने की प्राथमिकी दर्ज करवाई है। सुभाष चंद्र तायल, उषा देवी तायल, सीताराम तायल, मनीष तायल, अंकित तायल, मनीष जालान के ऊपर कोयले की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया है। जांच में पाया गया कि विधि विनकोम कोल स्टाक व राणि सति हार्डकोक दोनों परस्पर सटा हुआ है और एक ही आफिस में चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त संचालकों द्वारा भगवती एंटरप्राइजेज व पूजा संचालित किए जा रहे हैं। सभी कार्य एक ही परिवार के लोग भिन्न-भिन्न प्रतिष्ठान बनाकर अवैध कार्य में संलिप्त हैं। जांच में राणी सति इंटरप्राइजेज में 532 टन कोयला पाया गया, लेकिन इस साल एक अप्रैल से 22 अक्टूबर तक कोयले की मासिक विवरणी के अनुसार कोयला का स्टाक 336 टन ही दिखाया गया है। इस तरह 195 टन अधिक कोयला भट्ठा में पाया गया। कंपनी द्वारा एक अप्रैल से 22 अक्टूबर तक 3130 टन कोयले की खरीदारी की गई है, जबकि इसका कोई भी चालान नहीं पाया गया। इससे सरकार को 23.85 लाख के राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया है। राणी सति इंडस्ट्रीज द्वारा भगवती इंटरप्राइजेज से कोयला क्रय दिखाया गया है जो गैरकानूनी है।

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जांच में विधि विनकोम कोयला भंडारण, क्रय व बिक्री के लिए जिला खनन विभाग से वैध डीलर्स निबंधन भी नहीं पाया गया। संचालक द्वारा अवैध रूप से कोयला डिपो का संचालन पाया गया है। कंपनी द्वारा कोयले का स्टाक मासिक विवरणी में 2054 टन दिखाया गया है, जबकि मापी में स्थल में 792 टन कोयला मिला। सरकार को 83 लाख राजस्व की क्षति पहुंचाई गई है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सेल कंपनी बनाकर कोयले की खरीद-बिक्री की जा रही है।


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