कोयला से गैस निकालने के कार्य में लगे हैं सिंफर के वैज्ञानिक, ताकि बढ़ सके उत्पादन : निदेशक Dhanbad News
ओएनजीसी में ग्लोबल एनवॉयरमेंट समस्या से निबटने के लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है। हमें पहले ग्रीन हाउस गैस का आकलन करना चाहिए। फिर रोकथाम के लिए कदम उठाना चाहिए।
धनबाद, जेएनएन। सिंफर (CSIR - Central Institute of Mining and Fuel Research) धनबाद व एमजीएमआइ कोलकाता की ओर से आयोजित ऊर्जा प्रणालियों से वैश्विक पर्यावरण ग्रीन हाउस पर छह दिवसीय कार्यशाला का समापन समारोह सिंफर डिगवाडीह के आदित्यनाथ लाहिड़ी सभागार में शनिवार को हुआ। इसमें वैज्ञानिकों के अलावा देश के 25 प्रसिद्ध कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि ओएनजीसी के जेजेएम एसके पाल ने कहा कि ओएनजीसी में ग्लोबल एनवॉयरमेंट समस्या से निबटने के लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है।
पाल ने कहा कि हमें पहले ग्रीन हाउस गैस का आकलन करना चाहिए। फिर रोकथाम के लिए कदम उठाना चाहिए। ओएनजीसी की ओर से बोकारो पर्वतपुर में एक ऐसा प्लांट बैठाया गया है जो आधुनिक तरीके से कोयले से गैस निकालकर दोनों को ऊर्जा के क्षेत्र में उपयोगी बनाया जा रहा है। हमारी कंपनी ने कार्बन स्टेशन पेपर लेस, सोलर प्लांट के अलावा अधिक से अधिक पौधे भी लगाने का काम कर रही है। हमारे यहां प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक है।
सिंफर के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि सिंफर के वैज्ञानिक कोयले से निकलने वाली सभी गैसे को उत्सर्जन कर ऊर्जा के क्षेत्र में परिवर्तन करने का कार्य कर रही है। ताकि कोयले की माइनिंग करने में कोई समस्या न हो और उत्पादन भी बढ़े।
मौके पर पूर्व निदेशक अमलेन्दु सिन्हा, डॉ. डी मोहंती, डॉ. अजय सिंह, डॉ. आशीष मुखर्जी, डॉ. पिनाकी सरकार, डॉ. आई अहमद आदि ने विचार रखे। कार्यशाला में एनसीएल, मेकॉन, टाटा स्टील, ईसीएल, एमसीएल, ओएनजीसी, ऑयल, आईओ, सीएल, एसईसीएल, बीसीसीएल, एनटीपीसी आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए।